उन्होंने कहा कि- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार केवल देश के लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है और देश को अराजकता की ओर ले जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार बीते चार साल से केवल ‘झूठ’ बोल रही है।
81 वर्षीय अन्ना ने कहा कि- ‘और कितने दिनों तक झूठ चलेगा? सरकार ने देश के लोगों का सिर झुकाया है। सरकार का यह दावा कि मेरी 90 फीसदी मांगों को मान लिया गया है, वह भी झूठा है।‘
अन्ना ने कहा कि- जिन लोगों को मेरे आंदोलन से 2011 और 2014 में फायदा हुआ था, उन्होंने मेरी मांगों पर मुंह मोड़ लिया है। पिछले पांच साल में इस बारे में कुछ भी नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि- ‘वे कहते रहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें यहां आएंगी और मुझसे वार्ता करेंगी। किंतु मैं उन्हें ना कहता हूं, क्योंकि लोग इससे भ्रम की स्थिति में आ जाएंगे..उन्हें ठोस फैसला लेने दीजिए और मुझे सबकुछ लिखित में दिया जाए, क्योंकि आश्वासन से मेरा विश्वास उठ चुका है।‘
एक सवाल के जवाब में हजारे ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल का उनके मौजूदा अनशन में स्वागत है, ‘किंतु मैं उन्हें अपने साथ मंच साझा करने की अनुमति नहीं दूंगा।’
बता दें, हजारे अपनी मांग को लेकर छह दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। इससे एक दिन पहले उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर केंद्र सरकार को पद्मभूषण पुरस्कार लौटाने की चेतावनी दी थी।
पिछले हफ्ते, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने हजारे को ‘आरएसएस और संघ परिवार’ का एजेंट बताया था। कुछ ही घंटों बाद राकांपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस बयान के लिए माफी मांग ली थी।