गुलबर्ग सोसाइटी में हुई थी एहसान जाफरी की हत्या
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने जाकिया जाफरी की याचिका सुनवाई को मंजूरी देते हुए कहा कि इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की क्लोजर रिपोर्ट के अध्ययन की जरूरत है। बता दें कि 28 फरवरी2002 के दिन कुछ लोगों ने अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी पर हमला बोल दिया। इस हमले में कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की हत्या कर दी गई थी।
मोदी समेत 58 अन्य को मिली थी क्लीनचिट
पूरे देश को दहला कर रख देने वाले इस सांप्रदायिक दंगे की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की गई थी। इस टीम ने दंगे के वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी और 58 अन्य आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी। इस क्लीनचिट को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी गई लेकिन अक्टूबर 2017 में हाई कोर्ट ने इसे सही माना था। उस वक्त कोर्ट ने साफ कर दिया था कि गुजरात दंगों की दुबारा जांच की जरुरत नहीं है। उस वक्त भी जकिया और संगठन सिटिजंस फॉर जस्टिस ऐंड पीस ने फैसले पर सवाल उठाया था।