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2002 गुजरात दंगा : जकिया जाफरी की याचिका पर 26 नवंबर तक सुनवाई टली, SIT ने मोदी को दी थी क्लीनचिट

देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को याचिकाकर्ता जकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे 26 नवंबर तक के लिए टाल दिया।

नई दिल्लीNov 19, 2018 / 03:32 pm

Anil Kumar

2002 गुजरात दंगा : जकिया जाफरी की याचिका पर 26 नवंबर तक सुनवाई टली, SIT ने मोदी को दी है क्लीनचिट

2002 गुजरात दंगा : जाकिया जाफरी की याचिका पर 26 नवंबर तक सुनवाई टली, SIT ने मोदी को दी है क्लीनचिट

नई दिल्ली। देश के बहुचर्चित दंगों में से एक गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने के मामले में क्लीनचिट दिए जाने संबंधि याचिका पर सोमवार को 26 नवंबर तक के लिए सुनवाई टल गई। देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को याचिकाकर्ता जकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे 26 नवंबर तक के लिए टाल दिया। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘इस मामले की सुनवाई में कुछ समय लगेगा। इसलिए अब 26 नवंबर को इसपर सुनवाई की जाएगी।’

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26 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

बता दें कि इस मामले को लेकर जब अदालत में सुनवाई शुरु हुई तो विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि जकिया जाफरी की ओर से दी गई याचिका विचार योग्य नहीं है। साथ ही इसमें तीस्ता सीतलवाड़ दूसरी याचिकाकर्ता नहीं हो सकती हैं। इसपर अदालत ने कहा कि सीतलवाड को जाफरी की याचिका में दूसरा वादी बनाने के संबंध में बाद में सुनवाई करेंगे लेकिन उससे पहले जकिया के आवेदन पर विचार किया जाएगा। जिसपर अगले 26 नवंबर को सुनवाई करेंगे।

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क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि वर्ष 2002 में गुजरात के गोधरा में दो समुदायों के बीच दंगा भड़क गया था, जिसमें कांग्रेस नेता एहसान जाफरी को अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में 28 फरवरी 2002 को जिन्दा जला दिया गया था। इस दंगे में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य पर आरोप लगाया गया था। इसकी जांच के लिए SIT गठित की गई। एसआईटी ने जांच के बाद नरेंद्र मोदी व अन्य को बरी कर दिया। इसके बाद इसे गुजरात हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया। हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 5 अक्टूबर 2017 को फैसला सुनाते हुए एसआईटी के फैसले को बरकरार रखा। एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने इस एसआईटी और गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। जिसपर सुनवाई चल रही है। सोमवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए इसे 26 नवंबर तक के लिए टाल दिया है। बता दें कि गुजरात के 2002 दंगों में 69 लोगों को की मौत हो गई थी। इस दंगे के लिए 58 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें निचली अदालत ने सबको सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। जकिया जाफरी ने अपनी याचिका में 58 लोगों को नामजद किया था, लेकिन एसआईटी ने कहा कि इनके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला।

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