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मेरठ

महागठबंधन के कारण उम्मीदवारी का सपना टूटने पर नहीं मिल रहे सपा-बसपाइयों के दिल, देखें वीडियो

दोनों पार्टियों के झंडे एक साथ दिखार्इ दे रहे, लेकिन नेता आैर कार्यकर्ता नहीं
 

मेरठFeb 15, 2019 / 11:10 am

sanjay sharma

meerut

महागठबंधन के कारण उम्मीदवारी का सपना टूटने पर नहीं मिल रहे सपा-बसपाइयों के दिल, देखें वीडियो

केपी त्रिपाठी, मेरठ। लखनऊ में सपा-बसपा महागठबंधन की घोषणा के साथ ही दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों मायावती और अखिलेश ने अपने-अपने कार्यकर्ताओं को एक-दूसरे के साथ कंधा मिलाकर चलने की बात कही थी। महागबंधन के बाद दोनों दलों के नेताओं की गाडियों पर सपा-बसपा के झंडे एक दूसरे से गले मिलते नजर आए। झंडे तो मिले, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के दिल अभी भी नहीं मिल सके हैं।
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महागबंधन की घोषणा के बाद तो मायावती ने यहां तक कहा था कि बसपा कार्यकर्ता, सपा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलनों में शामिल हो। दिग्गज भले ही एक हो गए हों, लेकिन इस महागठबंधन की जमीनी हकीकत जिलों में कुछ अलग ही है। जिले में सपा के कार्यक्रम में बसपाई और बसपा के कार्यक्रम में सपाई दूरी बना रहे हैं। मेरठ में बसपाइयों ने अपनी बहन मायावती का जन्मदिन मनाया। जिसमें बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में केक काटा गया लेकिन सपाई अपनी बुआ जी के जन्मदिन पर बसपा के मंच पर केक खाने नहीं आए। यानी उन्होंने केक से परहेज किया। ऐसा ही कुछ सपा के आंदोलनों में देखने को मिला। अखिलेश को प्रयागराज जाने से रोकने पर पूरे प्रदेश में सपाई भड़के। प्रदर्शन किए, मुख्यमंत्री के पुतले फूंके गए, लेकिन इस कार्यक्रम से बसपाइयों ने दूरी बनाई। हालांकि मायावती ने इसको लेकर प्रदेश सरकार की निंदा की थी, लेकिन मेरठ में सपाइयों के साथ एक भी बसपाई नीली टोपी लगाकर आंदोलन में दिखाई नहीं दिया। सपा के शाहिद मंजूर, गुलाम मोहम्मद, जैसे दिग्गजों ने अभी तक बसपाई मंचों से दूरी बनाई है। वहीं सपाई मंच से बसपा के पश्चिम उप्र प्रभारी शमसुद्दीन राइन, सांसद मुनकाद अली आदि दिग्गजों ने दूरी बनाई।
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निकाय चुनाव में दिखी थी गजब की कैमिस्ट्री

वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव में दोनों दलों के नेताओं के बीच गजब की कैमिस्ट्री दिखाई दी थी। जब बिना शीर्ष नेतृत्व की घोषणा के निकाय चुनाव में जिले के दिग्गज एक-दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर चलते नजर आए थे। जिसका नतीजा भाजपा को चुनाव में हराकर, जीत के रूप में सामने देखने को मिला।
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चुनाव की तैयारी पर महागठबंधन ने डाला पानी

सूत्रों की मानें तो महागठबंधन से पूर्व सपा के कुछ नेता लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। ये नेता पिछले पांच साल से क्षेत्र में काम भी कर रहे थे, लेकिन महागठबंधन की डोर पक्की होते ही ऐसे नेताओं की हसरत पर पानी फिर गया। सीट बसपा के खाते में आई और पार्टी ने मेरठ-हापुड़ से अपना लोकसभा प्रभारी भी घोषित कर दिया। बसपा लोकसभा प्रभारी हाजी याकूब चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

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