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मेरठ

Muharram 2018: नहीं आए इमाम हुसैन हिन्दुस्तान तो इस तरह से गम किया बयां

ताजिए आैर जुलजनाह के जुलूूस में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया

मेरठSep 21, 2018 / 08:33 pm

sanjay sharma

meerut

Muharram 2018: नहीं आए इमाम हुसैन हिन्दुस्तान तो इस तरह से गम किया बयां

मेरठ। मोहर्रम की दसवीं तारीख को हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को बड़े ही गमगीन माहौल में अलविदा कहा गया। या हुसैन या अब्बास की सदाओं के बीच शहर सहित जैदी फार्म, लोहिया नगर में अलम-ए-मुबारक ताजिये और जुलजनाह के जुलूस बड़ी अकीदत के साथ बरामद हुए।
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गमगीन माहौल में बरामद हुआ जुलूस

शहर छोटी कर्बला चौड़ा कुआं से ताजिये और जुलजनाह का बड़ा जुलूस हसन मुर्तजा के संयोजन में गमगीन माहौल में 2.30 बजे बरामद हुआ। मोहम्मद हैदर जावेद, इमाम बारगाह इनायत हुसैन से तथा सरदार हुसैन मरहूम के अजाखाने कोटला से ताजिये बरामद होकर इस जुलूस में शामिल हुए। जुलूस मनसबिया से घन्टाघर रेलवे रोड, ईदगाह चौराहे से गुजरता हुआ कर्बला मनसबिया पहुंचा। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाले गये जुलूस में बड़ी संख्या में हुसैनी सोगवार काले लिबास पहने शामिल हुए। जुलूस में अंजुमन इमामिया के वाजिद अली गप्पू ने अपने नौहों में इमाम हुसैन के हिन्दुस्तान न आने की कसक को यूं बयां किया। इमाम हुसैन के हिन्दुस्तान न आने के गम को बयां किया। कर्बला जाते ना मौला काश आ जाते यहीं, मुंतजिर सदियों से अब तलक मेरा हिन्दुस्तान है।
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अलविदार्इ नौहों के साथ सम्पन्न हुआ जुलूस

जुलूस की व्यवस्था मोहर्रम कमेटी ने संभाली। जुलूस कर्बला पहुंचकर अलविदाई नौहाें के साथ सम्पन्न हुआ जहां कर्बला में ताजिये और तर्बरूकात दफन किए गये। इससे पूर्व प्रातः आठ बजे इमाम बारगाह करीम बख्श से ताजिया बरामद होकर वापस इसी स्थान पर पहुंचा तथा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रातः नौ बजे हसन अली मरहूम के अजाखाने जाहिदियान से अलम हजरत अब्बास और तर्बरूकात का जुलूस बरामद होकर निर्धारित स्थानों से होता हुआ मखदूम शाहविलायत कर्बला गेट नंबर तीन शान्तिपूर्ण माहौल में पहुंचकर सम्पन्न हुआ। जैदी फार्म में जुलूस: जैदी फार्म इमाम बारगाह इश्तियाक हुसैन से 2 बजे जुलजनाह और ताजिये का बड़ा जुलूस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में बरामद होकर शाह जलाल हाॅल, कौमी एकता मार्ग, नई कोठी से होता हुआ जैदी सोसायटी कर्बला पहुंचकर सम्पन्न हुआ। जहां ताजिये और तर्बरूकात दफन किए गए।
इंसानियत आैर एकात का पैगाम दिया

जुलूस के दौरान खुर्शीद जै़दी ने अपनी तकरीर में हजरत इमाम हुसैन के पैगाम-ए-इन्सानियत को अपनाने और एकता पर बल दिया। जुलूस में बड़ी संख्या में शरीक हुसैनी सौगवारों ने मातम और नौहेख्वानी की। इसी क्रम में लोहिया नगर में भी के-ब्लाक से ताजिये व अलम-ए-मुबारक के बराबद जुलूस में अन्जुमन जुल्फिकार-ए-हैदरी ने मातम व नौहेखानी की। आज शाम को जगह-जगह फाका शिकनी की गयी और सुबह आमाले आशूरा (इबादत) हुए। मोहर्रम कमेटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रिजवी ने बताया कि कल अलहाज डा. इकबाल हुसैन मरहूम के अजाखाने हुसैनाबाद में यौमे जैनब के उन्वान से मजलिस होगी। उन्हाेंने बताया कि गम-ए-हुसैन का सिलसिला आठ रबीउलअव्वल तक जारी रहेगा।

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