क्या है छठ पूजा का महत्व मान्यता हैं कि छठ पूजा में मुख्य रुप से सूर्यदेव की उपासना की जाती हैं। यह बहुत ही कठिन पूजा मानी जाती हैं। छठ को सूर्य देवता की बहन माना जाता है। छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती हैं और घऱ परिवार में सुख शांति व धन धान्य से संपन्न करती हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस छठ पूजा को डाला छठ, छठी माई पूजा, सूर्य़ षष्ठी पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है। छठ पूजा का अपना ही महत्व है, इस पूजा को करने वाले या उपवास रखने वाले बङी ही श्रद्धा के साथ ही पूजा को पूरा करते हैं। पूजा को महिलाएं अपने बच्चे की लंबी उमर के लिए तो पुरुष घर की खुश शांति के लिए करते है। सूर्य़ देव की कृपा से घर में धन धान्य के भंडार भरे रहते है। छठ माई संतान प्रदान करती है।
चार दिन तक होती है पूजा छठ का व्रत काफी कठिन व्रत माना जाता है। इस दौरान चार दिनों तक व्रत की प्रक्रिय चलती हैं। जिसमें पहले दिन नहाय खाय होता हैं। इस दिन व्रती नदी में या घर पर ही जल में गंगा जल डालकर स्नान करते हैं। फिर नए वस्त्र धारण करने के बाद भोजने के रुप में लौंकी दाल ग्रहण करते हैं। इसके बाद दूसरे दिन को खरना बोला जाता हैं। जिसमें पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को व्रती भोजना करते हैं। इसके तीसरे दिन छठ पूजा का प्रसाद बनता है। महिलायें मिष्ठान और पकवान प्रसाद के रूप में तैयार करती हैं। तथा फल से बाँस की टोकरी सजाई जाती है। टोकरी की पूजा कर व्रती सूर्य को अर्ध्य देने के लिए तालाब, नदी या घाट पर जाते है और स्नान कर डूबते सूर्य की पूजा करते है। इसके चौथे दिन अल सुबह सूर्योदय के समय विधिवत पूजा कर इसके बाद प्रसाद वितरित किया जाता हैं।
प्रशासन ने कहा पूरी है तैयारी नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि छट्ठ पूजा की पूरी तैयारी के लिए नगर पालिका प्रशासन के सप्ताह से लगा हुआ था । पूजा की तैयारी को पूरा कर लिया गया है जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु और पुलिस अधीक्षक ललित कुमार सिंह ने छट्ठ पूजा को तैयारियों का जनपद में भ्रमण कर जायजा लिया । इस दौरान कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने का भी निर्देश दिया है ।