सरकार फैसले के विरोध में गिर्राज धाम के दानघाटी मन्दिर बड़ा बाजार, मुखारविंद मन्दिर आन्यौर-जतीपुरा गुधैनिया समाज एंव मुकुट मुखारविंद मानसी गंगा दसविसा ब्राहमण समाज के समर्थन एंव मन्दिर अधिग्रहण के विरोध में हरिद्वार, इलाहाबाद, कासी, उज्जैन, वैजनाथ धाम, मथुरा,
वृन्दावन , बरसाना, नन्दगांव, बलदेव, गोकुल, महावन, गोवर्धन राधाकुण्ड, आन्यौर जतीपुरा आदि स्थलों के तीर्थ पुरोहित आयोजन में पहुंचे।
अधिग्रहण के विरोध में सेवायत गोवर्धन श्राइन बोर्ड गठन में स्थानीय तीनोें प्रमुख मन्दिरों के अधिग्रहण के विरोध में सेवायतों व तीर्थ पुरोहितों ने एक स्वर में कहा कि भाजपा सरकार मन्दिरों के अधिग्रहण का राग अलपना बंद कर दे। जिस सरकार को विप्र बनाना जानते हैं तो उसे गिराना भी जानते हैं। मथुरा जनपद में सेवायत परिवारों की सख्या करीब चार लाख से अधिक है। सरकार सेवायतों को कमजोर न समझे, सेवायत धर्म की रक्षा एंव अपने ईष्ट देव की आराधाना व भेंट पूजा का अधिकार किसी भी हालत में नही छींनने देंगे।
उग्र आंदोलन की चेतावनी गोवर्धन के सवायतों के समर्थन में देशभर के तीर्थ पुरोहित एक मंच पर एकत्रित गए और भाजपा सरकार के फैसले के खिलाफ अगामी रणनीति बनाई। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. महेश पाठक ने कहा कि अगर सरकार ने अधिग्रहण की घोषणा वापस नहीं ली तो आन्दोलन राष्ट्रीय स्तर पर रूप लेगा। वैजनाथ धाम व राजगिरी मेें सरकार ऐसे तुगलकी निणर्य के चलते मंह की खा चुकी है। ये प्रसिद्ध मन्दिर सेवायतों की पूर्वजनों ने वर्षों पूर्व त्याग तपस्या से स्थापित किए हैं। किसी सरकार ने स्थापित नहीं किए। इसलिए इनके अधिग्रहण का निर्णय सरकार की ब्राह्मणों के प्रति विकृत मानसिकता को दरसाता है। देश के 12 तीर्थों के मन्दिरों के पट बंद व गंगा, जमुना की आरती बंद कर देशभर में उग्र आन्दोलन होगा।