छलनी और जर्जर सड़क पर दचके खा रहे ग्रामीण और उदासीन है विभाग
छलनी और जर्जर सड़क पर दचके खा रहे ग्रामीण और उदासीन है विभाग
छलनी और जर्जर सड़क पर दचके खा रहे ग्रामीण और उदासीन है विभाग
मंदसौर.
गांवों को शहर से जोडऩे के लिए चल रही ग्रामीण सड़क योजना में बनी जिले की सड़को के हालात इनके निर्माण की गुणवत्ता और हालातों की दास्ता बया कर रहे है। पांच साल की गारंटी में बनने वाली सड़क कुछ माह भी नहीं चल पा रही है। बेदम हो चुकी सड़कों पर ग्रामीणों को सुविधा के नाम पर और अधिक दुविधा होने लगी है। दचको से लेकर धुल के सिवा इन सड़कों पर सफर में कुछ नसीब नहीं हो रहा है। विकराल हो चुके गड्ढें और इनमें भरा पानी हादसों का न्योता दे रहा है। लगातार जिले की सड़कों पर सवाल खड़े हो रहे है, लेकिन विभाग उदासीन बना हुआ है। विभाग ने कही पर भी ठेकेदार पर कार्रवाई की जेहमत तो ठीक नोटिस देने से लेकर इसको दुरुस्त करवाने की हिम्मत तक नहीं दिखाई है। इसी कारण ग्रामीण अंचल की सड़कों की सूरत वर्तमान में पूरी तरह बिगड़ गई है।
बदहाल सड़कों पर जिम्मेंदारो की चुप्पी
शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों से जोडऩे के लिए जो सड़कें जिले में बनाई गई। वह शहरों से लोगों को जोडऩे के बजाए हर दिन के सफर को दचको को फजीहत से जोडऩ का काम कर रही है। इन सबके बीच विडबंना तो यह है कि विभाग हो या नेता या अन्य कोई बदहाल हो चुकी सड़कों पर बोलने को भी तैयार नहीं है। निर्माण एजेंसी द्वारा बनाई गई सड़कें को देख आगे आगे पाठ पीछे-पीछे सपाट वाली गांवों में कही जाने वाली कहवात चरितार्थ हो रही है। किसी जनप्रतिनिधि ने कुछ कदम उठाया ना किसी जिम्मेदार अधिकारी ने मामले को लेकर संज्ञान लिया। क्षेत्र की ऐसी कई सड़कें हैं जो वर्तमान में बनी है या कार्य प्रगति पर है पर बारिश के शुरुआती दौर में ही इन पर हर जगह गड्ढे ही दिखाई पड़ रहे है।
डिगांव से जग्गाखेड़ी मार्ग
डिगांव जग्गाखेड़ी मार्ग जो वर्तमान में निर्माणाधीन है। बनने से ही गुणवत्ताहीन कार्यों को लेकर चर्चा में है। सड़क निर्माण के शुरुआती दौर में निर्मित सड़क महज कुछ दिनों में ही उखडऩे लगी। इसके बाद आनन-फानन में यहां पेचवर्क तो हुआ लेकिन पेचवर्क के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी हुई। और अब तक सड़क की बदहाल स्थिति है। बारिश के साथ इस सड़क का डामर भी धुल गया।
कचनारा-बसई मार्ग
कचनारा स्थित बाबा रामदेव मंदिर से बसई मार्ग का निर्माण हुआ था। लेकिन पहली बारिश में सड़क अपने अस्तित्व को तलाश रही है। सड़क में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढें हो गए है। तब से लेकर अब तक सड़क पर अनेक बार पेचवर्क हुए, लेकिन हालात एक से है।
कचनारा-बिल्लोद मार्ग
कचनारा बिल्लोद मार्ग भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। वर्तमान में नाहरगढ़ से बिल्लोद के बीच में सड़क पूरी तरह ही गायब हो गई। यह सड़क क्षेत्र के गांवों को जाड़ती है और इस पर हजारों ग्रामीणों की आवाजाही होती है। इसके चलते थाने और बैंकों से संबंधित कामों के लिए ग्रामीणों को खस्ताहाल सड़क से होकर नाहरगढ आना पड़ता है। साथ ही 2 विभागों की उलझन के चलते भी कहीं ना कहीं समस्या से निजात नहीं मिल पाई।