व्यवहार को समझें
गैरजिम्मेदार और लापरवाह लोगों की पहचान उनकी बॉडी लैंग्वेज से कर सकते हैं। वे अक्सर हाथों को नचाते हुए, नजर चुराते हुए या आंखें मींचते हुए बात करते हैं। बोलते समय भी हां-हूं करना, घुमा-फिराकर बात करना, या भावहीन चेहरा, सामने पडऩे से बचना आदि। इनकी आदत होती है। ऐसे लोग दूसरे के प्रति संवेदनशील नहीं होते और बहानेबाज होते हैं।
स्पष्टवादी बनें
कई बार हम आपसी संबंधों की खातिर, सामने वाले की मनोवृत्ति को जान बूझ कर अनदेखा करते हैं, बाद में पछताते हैं। बेहतर है, अपना कोई सामान देते समय ही सीधे, सरल, मजबूत शब्दों में अपना पक्ष रखें, जिससे अगले को आपका मंसूबा साफ हो जाए, जैसे सामान लौटाने का समय, उसकी साज-संभाल आदि। अनावश्यक औपचारिकता न करें।
सबक सीखें
अपने या किसी और के सरीखे अनुभवों से सीखें। बार-बार एक ही गलती दोहराना नादानी नहीं मूर्खता है। इसलिए ऐसे लोगों को पिछले वाकया को याद दिलाते हुए सीधे शब्दों में मदद करने से मना भी कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति अपनी लापरवाही छुपाने और अपना पक्ष मजबूत करने के लिए कई बार लोगों में आपकी गलत छवि बनाने की भी कोशिश करते हैं। इस बात की कतई चिंता न करें। समय आने पर सच्चाई खुद-बखुद सामने आ ही जाती है।
दूरी बना कर रखें
जब भी लगे कि मौकापरस्त अपनी जरूरतों के लिए किसी और लुभावने तरीके से नजदीकियां बनाने की कोशिश करने लगा है, तो भविष्य के लिए तुरंत सतर्क हो जाएं। ऐसे लोगों से दूरी बना लें। आपके बदले हुए कठोर रवैये और हावभावों से उसे नकारात्मक संकेत उन्हें खुद ब खुद मिल जाएगा। कहते हैं न, दुनियादारी किताबों से नहीं, अनुभवों से सीखी जाती है। जीवन मे मददगार होना अच्छी बात है, लेकिन सबसे पहले व्यक्ति की पहचान नितांत जरूरी है।