गीता देवी ने कहा कि उन्हें सिर्फ बदला चाहिए और कुछ नहीं। प्रधानमंत्री शहीद जवानों की मौत का बदला लें। बिलखते हुए गीता देवी बोलीं कि अगर उनके पति की मौत का बदला सरकार नहीं ले पायी तो वे अपने तीनों बेटों को सेना में भेजेंगी। उनके बेटे आतंकियों को मारकर पिता की मौत का बदला लेंगे। गीता की बात सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
बता दें कि राम वकील सेना में शहीद हेड कॉन्सटेबल के पद पर तैनात थे। शनिवार को जब उनका पार्थिव शरीर बरनाहल थाना क्षेत्र स्थित उनके गांव विनायकपुर गांव लाया गया तो हर कोई बिलख पड़ा। पत्नी पति के पार्थिव शरीर से लिपटकर रोए जा रही थीं। शहीद के अंतिम दर्शन को दूर दूर से हजारों लोग आए थे। हर एक के मन में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए गुस्सा भरा था। साथ ही गांव के इस बेटे की शहादत पर गर्व भी था। शनिवार को ही शहीद को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे भी लगाए गए।