बात लखनऊ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आगमन की है। हवाई अड्डे पर शाह के स्वागत करने वालों की वीआईपी भीड़ में जिले के एक विधायक प्रेम सागर पटेल भी शामिल थे। देखने वालों के मुताबिक हवाई अड्डे पर अमित शाह और विधायक प्रेम सागर पटेल का स्वागत मिलन बहुत खाश था और उस दृष्य ने राजनीतिक महत्व की दृष्टि से वहां मौजूद सभी को अपनी ओर आकृष्ट किया। इसके बाद से महराजगंज में चरचओं का बाजार गर्म हो गया जिसकी तपिस अभी बनी हुई है।
प्रेम सागर पटेल की राजनीतिक पृष्ठिभूमि बसपाई रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में अचानक वे सिसवा विधान सभा सीट से भाजपा का टिकट लेकर सब को चौंका दिए। चूंकि उस चुनाव में केवल भाजपा ही जीत रही थी इसलिए पटेल की जीत भी अचंभित करने वाली नही रही। हां अचंभित करने वाली बात सांसद पंकज चौधरी के सिफारिशी उम्मीदवारों को ओवरटेक कर उनका टिकट हासिल करना जरूर रहा। पटेल के टिकट के पीछे शाह की कृपा की चर्चा रही है और अब लखनऊ में पटेल और शाह की मुलाकात नई चर्चा को जन्म दे गया। इस बार की चर्चा में विधायक पटेल का सांसद की टिकट की दौड़ में शामिल होना है।
हालाकि मौजूदा सांसद पंकज चौधरी का टिकट काटने के पीछे कोई तार्किक आधार नही हो सकता लेकिन शाह से पटेल की निकटता देख सांसद खेमें में बेचैनी बढ़ गई है। पंकज चौधरी 1991 में पहली बार इस सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए।
अब जैसी की चर्चा है सिसवा के विधायक पटेल के सांसदी टिकट के दावेदारी की तो वे भी कुरमी बिरादरी के हैं और जीत की वही गणित उनके साथ भी है। जहां तक टिकट मिलने की बात है तो जब सिसवा विधान सभा सीट से रमापति त्रिपाठी जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता को इग्नोर कर प्रेम सागर पटेल को विधायक का टिकट मिल गया तो अगर अमित शाह का साथ है तो सांसद का टिकट भी उनके लिए कोई मुश्किल नहीं है।