शिक्षामित्रों के लिए आखिरी मौका पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षक भर्ती में परिषदीय विद्यालयों में पूर्व में समायोजित हो चुके शिक्षामित्रों के लिए शिक्षक बनने का यह अंतिम अवसर होगा। सरकार ने शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया था कि परिषदीय विद्यालयों से हटाए जाने के बाद उन्हें दो शिक्षक भर्तियों में मौका दिया जाएगा।परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से मई में हुई 68500 शिक्षकों की पहली भर्ती में बड़े पैमाने पर मूल्यांकन में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद शासन की ओर से इस बार शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा के जरिए नहीं, बल्कि ओएमआर शीट आधारित होगी। प्रदेश सरकार की ओर से परिषदीय विद्यालयों के लिए पहली बार मई 2018 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा ओएमआर के बजाय पेन-पेपर मोड में हुई थी।
गड़बड़ी सामने आने के बाद हुआ फैसला बता दें कि पिछली बार परीक्षा के मूल्यांकन में त्तर पुस्तिकाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आने के बाद शासन की ओर से अबकी बार यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों और ओएमआर शीट आधारित होगी। ऐसे में परीक्षा के बाद ओएमआर शीट में छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षामित्रों का शिक्षकों के पदों पर हुआ समायोजन निरस्त किए जाने के बाद प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों से खाली हुए 1.37 लाख पदों को शिक्षक भर्ती परीक्षा के जरिए भरने की घोषणा की थी। सरकार की ओर से पहली किस्त 68500 पदों के लिए मई 2018 में परीक्षा कराई गई थी। इसमें 41556 पदों पर ही भर्ती पूरी हो सकी, शेष पद खाली रह गए। सरकार दूसरी शिक्षक भर्ती में परिषदीय विद्यालयों में खाली अन्य शिक्षकों के पदों पर भर्ती कर सकती है। ऐसे में दूसरी शिक्षक भर्ती में पदों की संख्या बढ़ सकती है।