Lung cancer : स्मोकिंग मेल और फीमेल दोनों में फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है। हालांकि, वीमेन स्मोकर्स में मेल स्मोकर्स की तुलना मैं लंग कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्यूंकि पुरुष और महिला में सिगरेट के धुएं के मेटाबोलिज्म के तरीके में अंतर है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ के अनुसार ऐसी कई स्टडीज से पता चलता है कि फीमेल स्मोकर्स, मेल स्मोकर्स की तुलना में अधिक तेजी से निकोटीन का मेटाबोलाइज़ करती है।
Reproductive health issues: जहाँ तक रिप्रोडक्टिव हेल्थ का सवाल है स्मोकिंग की वजह से वीमेन में कई प्रकार के नेगेटिव प्रभाव पड़ सकते हैं जिनमे इनफर्टिलिटी, मिस्कैरेज और प्रीमेट्यूर बर्थ मुख्य हैं। प्रेगनेंसी के दौरान स्मोकिंग करने से बच्चेका बर्थ वेट कम होने के साथ साथ उसमें बर्थ डिफेक्ट्स होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
Menstrual problems : स्मोकिंग से मेंस्ट्रुअल प्रोब्लेम्स बढ़ सकती हैं, जिनमें पीरियड साइकिल का बिगड़ना और पेनफुल पीरियड्स होना मुख्य है।
Heart attack /stroke : ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार स्मोकिंग वीमेन के हार्ट अटैक होने के चान्सेस बढ़ा देता है। जिन वीमेन में स्मोकिंग हैबिट पायी जाती है उनमें हार्ट अटैक होने की सम्भावना ज़्यादा होती है।
Ageing: स्मोकिंग से त्वचा रूखी और बेजान भी होती है। परिणाम स्वरूप चेहरे और शरीर के अन्य भाग में झुर्रियाँ और पिगमेंटेशन हो सकते हैं। यानी बुढ़पा जल्दी झलकने लगता है।
Osteoporosis: हार्ट अटैक की तरह ही स्मोकिंग से ऑस्टियोपोरोसिस होने का भी रिस्क रहता है। इसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। स्मोकिंग ना करने वाली वीमेन की तुलना में स्मोकिंग करने वाली वीमेन में ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा ज़्यादा होता है।
Breast cancer : स्मोकिंग कुछ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है ऐसा खासकर उन महिलाओं में होता है जो कम उम्र से स्मोकिंग करना शुरू कर देतीं हैं।