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किसी दूसरे के सहारे के बगैर इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर में बैठकर काम कर सकेंगे दिव्यांग

इनोवेशन : आइआइटी मद्रास ने लॉन्च की स्वदेशी तकनीक वाली ‘नियोस्टैंड’

Mar 22, 2024 / 01:46 am

ANUJ SHARMA

किसी दूसरे के सहारे के बगैर इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर में बैठकर काम कर सकेंगे दिव्यांग

किसी दूसरे के सहारे के बगैर इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर में बैठकर काम कर सकेंगे दिव्यांग

चेन्नई. दिव्यांगों को अब खड़े होकर या बैठकर काम करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। आइआइटी मद्रास ने स्वदेशी तकनीक से कस्टमाइजेबल इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर बनाने में कामयाबी हासिल की है। इसका नाम ‘नियोस्टैंड’ रखा गया है। दिव्यांग इसमें बैठकर या खड़े होकर काम कर सकेंगे। व्हीलचेयर बटन दबाने से खड़ी हो जाएगी।व्हीलचेयर की लॉन्चिंग के मौके पर आइआइटी मद्रास में टीटीके सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड डिवाइस डेवलपमेंट की प्रमुख सुजाता श्रीनिवासन ने बताया कि कॉम्पैक्ट स्टैंडिंग व्हीलचेयर के मोटराइज्ड स्टैंडिंग मैकेनिज्म के लिए नेविगेशन को आसान बनाया गया है। इसमें बैठने और आसानी से खड़े होने के बीच रुकने का भी विकल्प है। इस इनोवेशन से यूजर की जिंदगी आसान होगी। व्हीलचेयर सुजाता श्रीनिवासन के नेतृत्व में विकसित की गई।
स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा घटेगा

आइआइटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि का कहना है कि नियोस्टैंड यूजर की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई। दिव्यांग इस पर लंबे समय तक बैठ सकते हैं और जब चाहें आराम से खड़े हो सकते हैं। इससे स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा भी कम होगा। यह कॉम्पैक्ट है, इसलिए कम जगह में भी आसानी से चलेगी।
कीमत 90 हजार

नियोस्टैंड व्हीलचेयर की अधिकतम रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। एक बार चार्ज करने पर यह 25 किलोमीटर तक चल सकती है। इसका इस्तेमाल ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी किया जा सकता है। इसकी कीमत करीब 90 हजार रुपए होगी।

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