विद्यालय में मिली यह खामियां गौरतलब है कि उक्त विद्यालय में कुल 37 बच्चे है लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए केवल 5 अध्यापकों की तैनाती है। निरीक्षण के दौरान महज 10 बच्चे ही उपस्थित मिले। राज्यमंत्री ने विद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता पर भी नाराजगी जताई। बच्चों से सवाल पूछने पर वह संतोषजनक जबाब नहीं दे सके। बच्चों में शब्दों और अंकों का ज्ञान संतोषजनक नहीं पाया। विद्यालय परिसर में साफ सफाई व्यवस्था भी गड़बड़ मिली। इसके साथ ही विद्यालय में कोई पौधारोपण भी नहीं मिला।
मनचाहे विद्यालय से अटैच किए जाने पर सवाल विद्यालय भवन का निर्माण 2005 में हुआ था लेकिन लेकिन अब इसकी दीवारें जर्जर हो गई हैं। इसके अलावा फर्श भी उखड़ा मिला। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए इस भवन को अब उपयोग में नहीं लिया जा रहा है और बगल के एक अतिरिक्त कक्ष में बच्चे पढ़ते हैं। निरीक्षण के दौरान मिली खामियों के संबंध में राज्यमंत्री ने आवश्यक कार्यवाही करने के लिए बीएसए और जिलाधिकारी को पत्र लिखने की बात कही है। इस निरीक्षण के दौरान जनपद के शिक्षा विभाग में अध्यापकों के लिये मुंह देखी समायोजन नीति और मनचाहे विद्यालय में अटैच किये जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
राज्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में अध्यापकों की तैनाती समानुपात में ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करेंगे। हाल ही में ब्लॉक बार के अंतर्गत ग्राम चुंनगी में पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरकारी विद्यालय में प्राइवेट टीचरों के पढ़ाने का मामला सामने आया था। इस स्कूल में तैनात टीचर आलोक स्कूल नहीं जाता था और वहां पर दो-दो हजार रुपया प्रति महीने के हिसाब से गांव की ही 2 प्राइवेट लड़कियों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए लगाया हुआ था। बीएसए की जांच में उक्त टीचर आलोक दोषी पाया गया। वहीं कुछ दिनों पहले महरौनी के अंतर्गत ग्राम खिरिया लटकन जू के प्राथमिक विद्यालय में एक टीचर शिवानी तिवारी द्वारा अपने छोटे बच्चे का झूला वहां पढ़ने वाली एक छात्रा से झुलवाया जा रहा था। जांच के दौरान वह भी दोषी पाई गईं।