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चेकिंग के लिए स्कूल पहुंचे बीएसए, टीचरों की जगह पढ़ाते हुए मिले ये लोग, हुई बड़ी कार्रवाई

चेकिंग के लिए स्कूल पहुंचे बीएसए, टीचरों की जगह पढ़ाते हुए मिले ये लोग, हुई बड़ी कार्रवाई

ललितपुरSep 23, 2018 / 03:31 pm

Ruchi Sharma

lalitpur

चेकिंग के लिए स्कूल पहुंचे बीएसए, टीचरों की जगह पढ़ाते हुए मिले ये लोग, हुई बड़ी कार्रवाई

ललितपुर. शिक्षा विभाग का एक और काला कारनामा उजागर हुआ है। जिस के संबंध में जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम ने कार्रवाई करते हुए दोषी प्रधानाध्यापक आलोक गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया तो वहीं तैनात सहायक अध्यापक अश्विनी चौबे की वेतन वृद्धि रोक दी है। बीएसए ने अपनी जांच में पाया था कि वहां तैनात अनुदेशिक अनुपस्थित है और जब उन्होंने अनुदेशिका का उपस्थिति रजिस्टर मांगा तो वह भी वहां से नदारद था।
बच्चों से पूछने पर बताया गया कि अनुदेशिका कभी स्कूल नहीं आती जबकि विद्यालय में दो प्राइवेट लड़कियां टीचर के रूप में काम कर रही थी तथा यह भी बताया गया कि प्रधानाध्यापक आलोक गुप्ता और सहायक अध्यापक अश्विनी चौबे भी स्कूल नहीं आते । जिस पर बीएसए ने कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से प्रधानाध्यापक को निलंबित कर सहायक अध्यापक की वेतन वृद्धि को रोक दिया है । मगर अनुदेशिका मंजू लता सिहारे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई यह एक बड़ा सवाल है।
यह है पूरा मामला

मामला विकासखंड तालबेहट के ग्राम चुनगी के पूर्व माध्यमिम विद्यालय में सामने आया था। जहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक आलोक गुप्ता एक सहायक अध्यापक अश्वनी चौबे व एक महिला अनुदेशक मंजू लता सिहारे तैनात है। मगर अध्यापक आलोक गुप्ता रजिस्टर पर अपनी उपस्तिथि दर्ज करने कभी कभी स्कूल आते है व अनुदेशक महीने में एक बार स्कूल आकर पूरे महीने की अपनी दैनिक उपस्तिथि लगाकर चली जाती है। कुल मिलाकर स्कूल में 3 अध्यापक तैनात हैं मगर तीनों अध्यापकों ने मिलकर एक षड्यंत्र रचा और गांव की ही 2 प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाली सपना व जयदेवी लड़कियों को स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए दो-दो हजार रुपया प्रति महीने के हिसाब से स्कूल में तैनात कर दिया था जो शासनादेशों को स्पष्ट रूप से ठेंगा दिखा रहा था।
इस स्कूल में तैनात अध्यापकों को ना तो शासन के अधिकारियों की परवाह है और ना ही शासनादेशों की। स्कूल में तैनात दोनों ही प्राइवेट टीचर सपना व जयदेवी लड़कियों ने बताया कि स्कूल के अध्यापक आलोक ने उन्हें स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए 2000 रुपए प्रति महीने के हिसाब से रखा है। तो वहीं स्कूल में तैनात सहायक अध्यापक अश्विनी का कहना यह था कि इस मामले में मैं कुछ नहीं कह सकता लड़कियों के बारे में आलोक सर बताएंगे। यह मामला जब जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए जिलाधिकारी के आदेश पर मायाराम जब स्कूल पहुंचे तो वहां पर यही हाल नजर आया बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम ने बताया कि जो शिकायत मिली थी वह सही पाई गई इस मामले में अध्यापक दोषी पाए गए हैं जिसकी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी गई है। जबकि जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह पहले ही कह चुके थे इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अध्यापकों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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