बीएसए के निलंबन के बाद करीब पांच महीने तक कुशीनगर जनपद में किसी नए बीएसए की तैनाती नहीं हुई। जबकि पूरे प्रदेश में कई बार बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई पर कुशीनगर में नया बीएसए नहीं भेजा गया।
इस सितंबर महीने में शासन ने एक नया बीएसए यहां भेज दिया है। तत्कालीन बीएसए के निलंबन के दौरान जिले में बीएसए के रिक्त पद पर जिला विद्यालय निरीक्षक को अतिरिक्त चार्ज दे दिया गया था। डीआईओएस, बेसिक शिक्षा विभाग के बीईओ और कुछ लिपिकों की मिलीभगत से अवैध ढंग से शिक्षकों के अटैचमेंट का जबर्दस्त खेल खेला गया। हुआ यह कि पिछड़े क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों को शासनादेश के विपरीत मनमानी तरीके से शहरी क्षेत्रों या आसपास के स्कूलों के अटैच कर दिया गया। विभागीय सूत्रों के अनुसार पचास से अधिक शिक्षकों की तो तैनाती कार्यवाहक बीएसए/डीआईओएस ने चार्ज देने के एक दिन पहले आदेश जारी कर किया गया। पत्रिका के पास कई दर्जन अध्यापक/अध्यापिकाओं के संबद्धता आदेश की प्रति उपलब्ध है। बताया जा रहा है कि मनचाहे स्कूलों में संबद्धता के खेल में लाखों रुपये के वारे-न्यारे भी किए गए हैं।
जबकि शासन ने साफ तौर पर किसी भी अध्यापक/अध्यापिका को किसी दूसरे स्कूल में अटैच करने से मना किया हुआ है।