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प्रदेश में तेजी से बढ़ते जरायम को काबू करने और मुखबिरों के दम तोड़ चुके नेटवर्क को फिर से जिंदा करने के लिए राजस्थान पुलिस गली कूचों में बैठे लोगों से पुलिस मित्र बनने की गुहार लगा रही है। आधिकारिक पोर्टल पर भी लोगों को अपराध और अपराधियों की जानकारी देने के लिए डिजिटल दोस्ती गांठने में पूरा दम झोंका जा रहा है, लेकिन वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर पहले से मौजूद दोस्तों को दरकिनार कर पहले से मौजूद पब्लिक नेटवर्क को तबाह करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही। आलम यह है कि पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल्स को फॉलो करने से पहले लोगों को हिदायत दी जा रही है कि वह वॉल पर किसी भी अपराध या अपराधी की सूचना न दें।
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दोस्ती की शर्त
सोशल फ्रैण्डशिप के लिए पुलिस की पहली शर्त यह है कि उसके किसी भी ऑफीशियल सोशल मीडिया एकाउंट पर किसी तरह के आपराधिक घटनाक्रम की जानकारी पोस्ट न की जाए। ट्विटर हैंडल्स पर तो साफ-साफ लिख दिया गया है कि ‘डू नॉट रिपोर्ट क्राइम हियर। ( Do not report crime here ) ऐसे में जब लोगों को पुलिस के सोशल मीडिया एकाउंट्स ज्वाइन करने के बाद अपराध और अपराधियों से जुड़ी सूचना देने का मौका नहीं मिलेगा तो वह इन एकाउंट्स को फोलो करके सिर्फ पुलिसिया उपलब्धियां थोड़े ही पढ़ेगा। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक तक ट्वीट के जरिए मिलने वाली सूचनाओं को गंभीरता से ले कार्रवाई करने में तत्परता दिखा रहे हैं।
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जहमत न उठानी पड़े
उपलब्धि गिनाने के लिए भी पुलिस महकमा कोई जहमत नहीं उठाना चाहता। बस प्रेस नोट के प्रिंट की फोटो खींचकर उसे ही अपलोड कर दिया जाता है, जबकि इस काम के लिए तैनात स्टाफ चाहे तो कंपोज किए गए मैटर के टेक्स्ट को भी अपलोड कर सकता है, ताकि उसे पढऩे में तो आसानी होगी, साथ ही पुलिस की इन उपलब्धियों को सहजता से किसी भी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या एकाउंट पर भी आसानी से शेेयर किया जा सकेगा।
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यहां नहीं चलती साइबर दोस्ती
कोटा रेंज के बारां और बूंदी पुलिस कंट्रोल रूम में तो ट्विटर की चिडिय़ा कभी चहकती ही नहीं। वहीं पूरी रेंज में किसी भी दफ्तर या अधिकारी के ऑफीशियल फेसबुक एकाउंट भी मौजूद नहीं हैं। हालांकि, जिले की पुलिस और पीसीआर के नाम पर एफबी की दुनिया में दर्जनों फर्जी एकाउंट चल रहे हैं। जिन्हें फिल्टर कर उन्हें बंद कराने तक की जहमत नहीं उठाई जाती और लोग मिलते जुलते नामों के फर्जी एकाउंट फॉलो कर तमाम जानकारियां गलत हाथों में सौंप रहे हैं।