17 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो रही है और 15 अगस्त के दिन रक्षाबंधन
Raksha Bandhan पर इसका समापन होगा। इस साल सावन माह के चारों सोमवार पर विशेष योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य अमित जैन शास्त्री का कहना है कि सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व होता है। (
sawan maah ka mahatva) सोमवार शिव का प्रिय दिन है। सावन में कुल चार सोमवार आ रहे है, जो 22 जुलाई, 29 जुलाई, 5 अगस्त और 12 अगस्त को हैं।
22 जुलाई को सावन सोमवार के साथ मरुस्थली नाग पंचमी है।
29 जुलाई को सावन सोमवार को सोमप्रदोष और स्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग बन रहा है।
5 अगस्त को देशाचारी नागपंचमी और सावन सोमवार है, जबकि 12 अगस्त को सोमप्रदोष और सावन सोमवार का योग बना है।
सावन मास में खंड वर्षा होने के योग बन रहे हैं। इस वर्ष का मेघे शनि होने के कारण रुक रुक कर बरसात होगी। इसके तहत पहले और दूसरे सावन के सोमवार को शहर में हल्की बारिश
rain के योग भी बन रहे हैं।
70 साल बाद पड़ रही है एेसी नाग पंचमी ज्योतिषाचार्य अमित शास्त्री ने बताया कि वैसे तो सावन के सोमवार को नाग पंचमी (Nag Panchami ) आज से 20 वर्ष पूर्व पड़ चुकी है, लेकिन कृष्ण पक्ष की पंचमी और सावन का सोमवार 70 साल बाद लग रहे हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सावन के सोमवार में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब नागपंचमी और सावन का सोमवार एक ही दिन आएंगे।
इस दिन शिव और उनके गले में लिपटे रहने वाले नागदेव (
Nagdev) दोनों की पूजा होगी। यह दिन काल सर्प योग (
Kalsarpa yoga) की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा। सावन मास (
Sawan Maas) 17 जुलाई से आरंभ होने जा रहा है और कई शुभ योग के साथ शिव आराधना का पवित्र मास इस दिन से आरंभ हो रहा है जो15अगस्त तक रहेगा।