कोटा में आधी रात युवक की नृशंस हत्या, तलवारें-गंडासों से काट सड़क पर फेंक गए खून से सनी लाश
पप्पूलाल और लालचन्द मृतक पृथ्वीराज को बाइक से उसके गांव ढाकिया छोडऩे जा रहे थे तो रास्ते में पृथ्वीराज ने पप्पूलाल के घर चलने और उसकी पत्नी से बात करने की जिद की। इस पर विवाद हुआ तो मृतक ने पप्पूलाल की पत्नी के लिए अपशब्द कहे। यह दोनों को नागवार गुजरा। पप्पूलाल ने पृथ्वीराज को गिरा दिया और लालचंद ने कुल्हाड़ी के वार से हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी बाइक से भाग गए।
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यूं जुड़ी कड़ी से कड़ी पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 23 जून की सुबह ढाकिया व सालेड़ा कलां के बीच पृथ्वीराज का रक्त रंजित शव मिलने के बाद से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन के सुपरविजन में 5 टीमें मामले को सुलझाने में जुटी थी। मृतक की 21 व 22 जून की मिनट तू मिनट गतिविधियों का पता किया। जांच में सामने आया कि मृतक 22 जून श्याम को सालेड़ा कलां निवासी पप्पूलाल पेन्टर व लालचन्द गोस्वामी के साथ देखा गया था। तलाशी में दोनों घर से गायब मिले। साइबर टीम ने ट्रेस किया तो उनकी लोकेशन झालावाड़ जिले के मनोहरथाना में मिली। पुलिस दोनों को उनके रिश्तेदारों के यहां से राउंड अप कर ले आई।
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नामजद आरोपियों की भूमिका की भी जांच एसपी ने बताया कि प्रकरण में मृतक के पिता ने सौंपी रिपोर्ट में पुरानी रंजिश के चलते राधेश्याम मीणा, धनराज मीणा, शिवराज मीणा एवं जुगराज मीणा पर पृथ्वीराज की हत्या का आरोप लगाया है। ऐसे में हत्या में उनकी भूमिका के सम्बन्ध में कॉल डिटेल व टावर लोकेशन प्राप्त कर अनुसन्धान किया जा रहा है।
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ये थे पुलिस टीम में शामिल हत्या के राज खोलने वाली टीम में रामगंजमंडी वृत्ताधिकारी मंजीत सिंह, सांगोद वृत्ताधिकारी रामेश्वर परिहार, चेचट थानाधिकारी अब्दुल हकीम, मोड़क थानाधिकारी भारत सिंह, साइबर सेल इंचार्ज अजित मोगा, सहायक उपनिरीक्षक कान सिंह, हैड कांस्टेबल भजनलाल, अजित सिंह यादव, कांस्टेबल महावीर, वीरेन्द्र, सुरेन्द्र, साकिब पठान, भूपेन्द्र नागर, रामकिशोर आदि शामिल थे।