पुरानी जगह गाड़े खूंटे, बकरा मंडी में सन्नाटा, अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा पशुमेला
कोटा. ऐतिहासिक राष्ट्रीय दशहरे मेले के साथ ही शुरू होने वाला पशु मेला इस बार भी अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। मेले का उद्घाटन हुए दो सप्ताह हो गए, लेकिन नगर निगम ने पशु मेले के लिए अभी तक कोई तैयारियां नहीं की। हाल यह है कि जहां पशु मेला लगना है वहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
कोटा दशहरा पशु मेला में आए पशु पालक
कोटा. ऐतिहासिक राष्ट्रीय दशहरे मेले के साथ ही शुरू होने वाला पशु मेला इस बार भी अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। मेले का उद्घाटन हुए दो सप्ताह हो गए, लेकिन नगर निगम ने पशु मेले के लिए अभी तक कोई तैयारियां नहीं की। हाल यह है कि जहां पशु मेला लगना है वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। जबकि पशु मेले के लिए अब तक दो दर्जन से अधिक पशुपालक आ चुके हैं, लेकिन उन्हें पता ही नहीं की कहां डेरा जमाना है।
इस बार बकरा मंडी की जगह पर पशु मेला लगाया जाना है। लेकिन नगर निगम की ओर से ना तो वहां कोई बोर्ड लगाया और ना ही कर्मचारी बिठाए। एेसे में अन्य जिलों से आए पशुपालक अभी पुराने पशु मेला स्थल पर डेरा डाले बैठे हैं। इन्हें यह तक पता नहीं की पशुमेला कहां भरा जाना है। जहां ये डेरा डाले बैठे हैं, वहां रोशनी-पानी की व्यवस्था नहीं होने से निगम को कोस रहे हैं। हमें नहीं पता पशु मेला कहा लगेगाअजमेर जिले के पारा गांव से आए पशुपालक आशाराम बागरी ने बताया कि मुझे नहीं पता पशु मेला बकरा मंडी में लगेगा। मेरे से पहले आए पशुपालकों ने भी अपना डेरा यहां डाल रखा था, तो मैंने भी अपनी गायों का यहीं बांध लिया। हर बार निगम के अधिकारी यहां आ जाते हैं अभी तक को कोई नहीं आया। पशुपालक अपने पशुधन को बेच रहे हैं। पशुओं की खरीद फरोख्त पर शुल्क की रसीद काटने की भी व्यवस्था नहीं है। अजमेर जिले के केकड़ी से दुधारू गायें लेकर आए मोतीलाल ने कहा कि यहां आए पांच दिन हो गए। चारे-पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। जानवरों को पिलाने के लिए पानी की व्यवस्था भी इधर-उधर से करनी पड़ रही है। चारे की टालें नहीं होने से दो तीन किलोमीटर दूर से चारा लाना पड़ रहा है। यहां वर्षों से जानवर लेकर आ रहे हैं, लेकिन ऐसी अव्यवस्था पहले कभी नहीं देखी।बस टेंट लगाकर ली इतिश्रीनगर निगम की ओर से पिछले वर्ष पशु मेला खड़े गणेशजी मंदिर के पीछे लगाया गया था, लेकिन वहां कोई व्यवस्था नहीं होने से इस बार बकरा मंडी में पशुमेला लगाने का निर्णय किया। लेकिन निगम की ओर से यहां कोई तैयारियां नहीं की गई। गुरुवार को बकरा मंडी में केवल टेंट लगा हुआ था। पशु मेला स्थल का सूचना बोर्ड पर जमीन पर पड़ा था। पानी की व्यवस्था नजर नहीं आई।
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