अधिकारी नहीं देखना चाहते डार्क जोन में गुर्राती मशीनें
लगातार घटते भूजल स्तर के चलते डार्क जोन में शामिल सांगोद व कनवास ब्लॉक में बिना प्रशासनिक अनुमति के धड़ाधड़ नलकूपों की खुदाई की जा रही है।
अधिकारी नहीं देखना चाहते डार्क जोन में गुर्राती मशीनें
कोटा. जिले में भूजल को लेकर जिम्मेदार अधिकारी कितने ध्यान दे रहे हैं इसकी बानगी सांगोद क्षेत्र में बखूबी देखने को मिल रही है। लगातार घटते भूजल स्तर के चलते डार्क जोन में शामिल सांगोद व कनवास ब्लॉक में बिना प्रशासनिक अनुमति के धड़ाधड़ नलकूपों की खुदाई की जा रही है। इसके चलते जहां साल दर साल भूजल स्तर गहराता जा रहा है वहीं लोगों को बूंद बंूद पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। खास बात यह कि न्यायालय के फैसले के बाद राज्य सरकार ने भी व्यक्तिगत हित के लिए नलकूप खुदवाने से पहले सक्षम अधिकारी से अनुमति लेने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन आज तक ना तो किसी ने नलकूप खुदवाने की अनुमति ली और ना ही प्रशासनिक स्तर पर इस तरफ गंभीरता दिखाकर कार्रवाई की गई। लोग बिना स्वीकृति नलकूप खुदाई करा रहे हैं। सरकार ने भी आदेश जारी कर पल्ला झाड़ लिया तो जिम्मेदार अधिकारी भी कार्रवाई को लेकर मूकदर्शक बने हुए हैं।
न्यायालय ने दिए थे आदेश
सूत्रों के अनुसार भूजल पर काम कर रही एक संस्था की याचिका पर फरवरी 2011 में उच्च न्यायालय ने राज्य में लगातार गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए नलकूप खुदाई के लिए जिले के सक्षम अधिकारी से अनुमति लेने का फैसला सुनाया। राज्य सरकार ने भी उसी साल अगस्त माह में सभी जिला कलक्टर को आदेश जारी कर सख्ती से पालना के निर्देश दिए।
अब भी हो रही खुदाई
नलकूप खुदाई के लिए सक्षम अधिकारी से स्वीकृति लेने के न्यायालय एवं राज्य सरकार के आदेशों की पालना किसी स्तर से नहीं हो रही। इन 8 सालों में अभी तक किसी भी किसान, आवासीय मकान मालिक व उद्यमी ने नलकूप खुदाई की अनुमति नहीं ली। लोग मनमर्जी से जहां चाहे वहां धरती का सीना छलनी कर पानी निचोड़ रहे हैं।
पांच साल तक की सजा का प्रावधान
सरकार के आदेशों में बिना प्रशासनिक अनुमति के नलकूप खुदाई करते पकड़े जाने पर नलकूप खुदाई करने वाले को पांच वर्ष की सजा एवं खुदाई करने वाली मशीन के मालिक को एक वर्ष की सजा तथा एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया। लेकिन प्रशासनिक सख्ती के अभाव में कार्रवाई के प्रस्ताव कागजों में दफन होकर रह गए हैं।
मामला जानकारी में ही नहीं
मामले में पत्रिकाडॉटकॉम ने जब सांगोद उपखंड अधिकारी संजीव कुमार शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि डार्क जोन में नलकूप खुदाई के लिए सम्बंधित तहसीलदार की स्वीकृति जरूरी होती है। कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति नलकूप खुदाई नहीं कर सकता। अवैध नलकूप खुदाई की सूचना मिलती है या शिकायत मिलती है तो पटवारी को भेजकर उसकी जांच करवाकर कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने पूरी तरह अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि अभी तक ऐसा मामला उनके संज्ञान में नहीं आया। आता है तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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