राजस्थान सरकार का फरमान, अब बच्चों के मल का सैंपल लेंगे शिक्षक, राज्य में मचा हड़कम्प
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ( secondary education directorate ) ने आदेशों में कहा गया है कि यदि सरकारी स्कूल का कोई भी शिक्षक घर पर ट्यूशन पढ़ाता मिला अथवा किसी कोचिंग सेंटर में पढ़ाने गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई शिक्षक ट्यूशन या कोचिंग सेंटर जाता है तो उसे अपने संस्था प्रधान से उचित कारण बताते हुए अनुमति लेनी होगी। अनुमति देना या नहीं देने का अधिकार संस्था प्रधान का होगा। बिना अनुमति लिए ही कोई शिक्षक ट्यूशन करता मिला तो नियंत्रण अधिकारी को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।80 साल बाद कोटा के इस स्कूल ने बदला अपना रंग और ढंग, 12 लाख लोगों ने पहली बार देखा गुलाबी रंग
शिक्षकों को हर माह देनी होगी रिपोर्ट
अमूमन गणित, विज्ञान और कॉमर्स, अंग्रेजी जैसे विषयों में बच्चों द्वारा ट्यूशन करने की प्रवृत्ति ज्यादा रहती है। इसी कारण से कक्षा में कोर्स पूरा नहीं होता। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने आदेश में कहा है कि विषय अध्यापक की जिम्मेदारी रहेगी कि वह प्रति माह निर्धारित पाठ्यक्रम पूरा कराए।
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माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने आदेश मिले है कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों के ट्यूशन पढ़ाने पर पाबंदी लगा दी गई है, यदि शिकायत मिलने पर निरिक्षण के दौरान कोई भी शिक्षक किसी भी कोचिंग संस्था व घर पर ट्यूशन पढ़ाते हुए पाया जाता है तो खिलाफ नियमानुसार कारवाई की जाएगी।रंगलाल मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, झालावाड़