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केन्द्र पर फिर भडक़ीं ममता, कहा बंगाल का नाम बदलने में क्या आपत्ति

locationकोलकाताPublished: Nov 14, 2018 10:49:08 pm

Submitted by:

Manoj Singh

पूछा, दूसरे शहरों के नाम बदले जा रहे तो क्यों नहीं बदलेगा राज्य का नाम
आरोप, पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो कर काम कर रही है केन्द्र सरकार
 

Mamta Banerjee Kolkata

केन्द्र पर फिर भडक़ीं ममता, कहा बंगाल का नाम बदलने में क्या आपत्ति

मुख्यमंत्री ने बुधवार को फेसबुक पर पोस्ट किया कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए भाजपा ने हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न ऐतिहासिक शहरों के नाम को बदल दिया है और अन्य शहरों के नाम बदलने की कोशिश में है। यही ही नहीं आजादी के बाद देश के कई शहरों व राज्यों के नाम बदले गए हैं। उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा, पोंडिचेरी का नाम बदलकर पुदुचेरी, मद्रास का चेन्नई, बॉम्बे को मुंबई और बंगलौर को बेंग्लूरु किया गया। स्थानीय लोगों की भावनाओं और भाषा आदि का ध्यान रखते हुए ऐसा किया गया, लेकिन जब पश्चिम बंगाल का नाम बदलने की बात आती है तब केन्द्र का रवैया साफ बदल जाता है। पूर्वाग्रह से ग्रस्त केन्द्र की भाजपा सरकार राज्य का नाम बदलने में देर कर रही है।

कोलकाता
पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ करने के प्रस्ताव को स्वीकृति देने से कथित तौर पर इनकार करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की और केन्द्र पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो कर राज्य के नाम बदलने की प्रक्रिया में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को फेसबुक पर पोस्ट किया कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए भाजपा ने हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न ऐतिहासिक शहरों के नाम को बदल दिया है और अन्य शहरों के नाम बदलने की कोशिश में है। यही ही नहीं आजादी के बाद देश के कई शहरों व राज्यों के नाम बदले गए हैं। उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा, पोंडिचेरी का नाम बदलकर पुदुचेरी, मद्रास का चेन्नई, बॉम्बे को मुंबई और बंगलौर को बेंग्लूरु किया गया। स्थानीय लोगों की भावनाओं और भाषा आदि का ध्यान रखते हुए ऐसा किया गया, लेकिन जब पश्चिम बंगाल का नाम बदलने की बात आती है तब केन्द्र का रवैया साफ बदल जाता है। पूर्वाग्रह से ग्रस्त केन्द्र की भाजपा सरकार राज्य का नाम बदलने में देर कर रही है। काम कर रही है। राज्य में भाजपा का कोई जनधार नहीं है। फिर भी पार्टी ने विधानसभा में पारित प्रस्ताव का विरोध किया। पश्चिम बंगाल के लोगों को इस पर जल्द जवाब चाहिए। ममता ने दावा किया कि लोगों की भावनाओं और मातृ भाषा बांग्ला को ध्यान में रखते हुए पूर्व में विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर राज्य का नाम अंग्रेजी में बंगाल, बंगाली भाषा में बांग्ला और हिंदी में बंगाल करने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया था, लेकिन गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव को यह कह कर वापस भेज दिया था कि किसी भी राज्य का नाम तीन भाषाओं में स्वीकृत नहीं किया जाएगा। इसके बाद सरकार ने दोबारा मानसून सत्र में सर्वसम्मति से पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला करने का प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा है, लेकिन केन्द्र जानबूझकर देर कर रहा है।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला करने से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश और राज्य के नए नाम के बीच अंतर कर पाना मुश्किल होगा। बांग्लादेश के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं, इसलिए इस पर विदेश मंत्रालय से भी राय मांगी गई थी और इसीलिए पश्चिम बंगाल का नाम बदलने को स्वीकृति देने के संबंध में फैसला करने में विलंब हो रहा है।

ममता ने इसके जवाब में फेसबुक पर पोस्ट किया है कि अविभाजित बंगाल की राजधानी कोलकाता थी। बांग्लादेश और भारत दोनों के ही राष्ट्रगीत को कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। बंगाल के लोग अपने देश तथा बांग्लादेश से भी प्यार करते हैं।

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