बलवाड़ी में मिर्चमंडी का लगभग 70 फीसदी काम पूरा हो चुका हैं। मंडी सचिव टीसी पाटीदार के मुताबिक परिसर में टीनशेड लगार तीन प्लेटफॉर्म तैयार किए गए हैं। जहां उपज की खरीदी होगी।इसके अलावा अधिकारी-कर्मचारियों व व्यापारियों के लिए मंडी कार्यालय का निर्माण भी कराया गया हैं। खरगोन-सनावद रोड से मंडी प्रांगण तक पहुंचने के लिए एक किमी की सीसी रोडव पुलिया का निर्माण भी कराया जा रहा है।
मंडी बोर्ड द्वारा निर्माण पर 7 करोड़ की राशि खर्च की जा रही हैं। इससे किसानों को उपज बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मंडी की आय भी बढ़ेगी। शहर स्थित अनाज व कपास मंडी को ए ग्रेड का दर्जा मिला हुआ हैं। यहां सालाना 16 करोड़ की आय होती हैं।मिर्च मंडी शुरु होने के बाद यह आय ओर बढ़ेगी।
जिले में नई मिर्च मंडी श्ुारु करने की मांग बरसों से किसानों द्वारा की जा रही थी। अभी तक बेडिया में मिर्चमंडी लगती है, जो एशिया की सबसे बड़ी मंडी हैं। यहां बड़वाह, सनावद और भीकनगांव क्षेत्र से जुड़े किसानों द्वारा बहुतायत में मिर्च की खेती की जाती हैं।वहीं खरगोन, गोगावां और सेगांव क्षेत्र में मंडी नहीं होने से मिर्च की तुलना में कपास, मक्का और सोयाबीन जैसी फसलें ज्यादा बोई जाती हैं। अब मंडी होने से दोनों तहसीलों के किसानों को फायदा होगा।
– 35 एकड़ का परिसर
– 07 करोड़ कुल खर्च
– 50 से अधिक गांवों के किसानों को फायदा
– 03 मंडियां होगी शहर में अब दो महीने में तैयार
मिर्च मंडी का काम जोर-शोर से चल रहा हैं। पूरा स्ट्रेक्चर दो महीने में तैयार होगा। नए सीजन में यहां खरीदी शुरु होगी।सर्वसुविधायुक्त परिसर बनाया गया हैं। हम बलवाड़ी मंडी को भी बेडिय़ा मिर्चमंडी की तरह विकसित करेंगे।
टीसी पाटीदार, मंडी सचिव खरगोन