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खंडवा

swimming pool… 25 हजार में आजीवन सदस्यता देने की तैयारी, जनभागीदारी के दानदाताओं की भूमिका तय नहीं

-जनभागीदारी में रुपए जमा कराने वाले मांग रहे अपना अधिकार
-आज से शुरू होगी स्विमिंग पुल की सफाई, अगले सप्ताह ड्राय रन
-एमआइसी की बैठक में लिया जाएगा निर्णय, सूची की खोज जारी

खंडवाApr 23, 2024 / 12:57 pm

मनीष अरोड़ा

swimming pool

खंडवा. स्विमिंग पुल को शुरू करने की चल रही तैयारी।

जनभागीदारी में रुपए जमा कराने वाले मांग रहे अपना अधिकार

नगर निगम स्विमिंग पुल को शुरु करने की तैयारी में है। इसके लिए मंगलवार से स्विमिंग पुल की सफाई का काम आरंभ कर तीन दिन बाद पानी भरने का काम शुरू होगा। अगले सप्ताह इसका ड्राय रन भी किया जाएगा। स्विमिंग पुल संचालन के लिए ठेकेदारों से निविदाएं भी बुलाई जाएगी। निगम ने स्विमिंग पुल की आजीवन सदस्यता सहित अन्य शुल्क की संभावित सूची जारी की है। इन सबके बीच स्विमिंग पुल के लिए जन भागीदारी में रुपए जमा कराने वाले दानदाताओं की भूमिका को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया है। अब दानदाताओं के स्वर भी मुखर होने लगे है और वें अपना अधिकार मांग रहे हैं।
्विमिंग पुल की योजना बनाने के बाद वर्ष 2014 में तत्कालीन कलेक्टर कवींद्र कियावत द्वारा जनभागीदारी से इसका निर्माण करने का निर्णय लिया गया था। चेंबर ऑफ कॉमर्स के माध्यम से चेंबर सदस्यों सहित पेट्रोलियम एसोसिएशन, कॉटन एसो. मेडिकल एसो. डॉक्टर्स, कॉलोनाइजर्स, दादाजी कॉलेज प्रबंध समिति सहित कई उद्योगपतियों द्वारा 25-25 हजार रुपए का दान दिया गया था। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा स्विमिंग पुल की संचालन समिति में इन सदस्यों को जगह देने, आजीवन सदस्यता देने की बात कही गई थी। संचालन समिति के लिए चुनाव की तैयारी भी हो चुकी थी और दानदाताओं की सूची वोटर लिस्ट के रूप में बनाई गई थी। अब यह सूची नहीं मिल रही है। स्विमिंग पुल सदस्यता के लिए इन दानदाताओं की भूमिका अब तक निगम तय नहीं कर पाया है।

ऐसे में कोई नहीं करेगा जनभागीदारी में मदद

चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष गुरमीतसिंह उबेजा ने बताया कि दादाजी कॉलेज प्रबंधन समिति के 11 सदस्यों ने 25-25 हजार रुपए जनभागीदारी में दिए है। इन सबकी भूमिका तय होना चाहिए, अन्यथा शासकीय जनभागीदारी योजनाओं में कोई भी आगे से सहायता के लिए आगे नहीं आएगा। हम अपने अधिकार के लिए आवाज उठाएंगे। वहीं, तत्कालीन अध्यक्ष व समिति सचिव राजू चांदमल जैन ने बताया कि हमने सूची और रुपए तत्कालीन कलेक्टर के हाथ में सौंपे थे। अब शासन की जिम्मेदारी है कि वह दानदाताओं को सदस्यता दें। वहीं, चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष सुनील बंसल ने बताया कि शासन को इस विषय पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करना चाहिए।

यह तय किए गए संभावित शुल्क

  • 1000 रुपए प्रति व्यक्ति मासिक शुल्क
  • 2500 रुपए प्रति व्यक्ति त्रैमासिक शुल्क
  • 7000 रुपए प्रति व्यक्ति वार्षिक शुल्क
  • 10 हजार रुपए फैमिली वार्षिक शुल्क, पति-पत्नी व दो बच्चे दस वर्ष तक
  • 1200 रुपए फैमिली मासिक शुल्क
  • 3000 रुपए फैमिली त्रैमासिक शुल्क
  • 5500 रुपए फैमिली अद्र्धवार्षिक शुल्क
  • 300 रुपए तैराकी सिखाने के इंसट्रेक्टर शुल्क (अतिरिक्त)
  • 100 रुपए आवेदन फार्म शुल्क
  • 100 रुपए अतिथि, आकस्मिक व्यक्ति शुल्क प्रति घंटा
  • 1000 रुपए प्रतियोगिता आयोजन के लिए
  • 500 रुपए वरिष्ठ नागरिक
  • 200 रुपए बच्चे 5 से 12 वर्ष के
  • 25 हजार आजीवन सदस्यता

एमआइसी लेगी निर्णय
स्विमिंग पुल को शुरू करने की तैयारी है। दानदाताओं की सूची हमारे पास नहीं है, ऐसे में हम कैसे तय करेंगे कि किसने कितनी रकम दी थी। सूची मिलने पर एमआइसी में नियम बनाकर दानदाताओं की भूमिका तय की जाएगी।
नीलेश दुबे, निगम आयुक्त

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