बड़वानी जिले में राजघाट पर सुबह 10 बजे नर्मदा का जलस्तर 133.300 मीटर रहा। रविवार को अनशन अंजड़ के छोटा बड़दा में दोपहर 12 बजे रैली निकालकर प्रदर्शन कर रहे हैं। टापू बने राजघाट में कई डूब प्रभावित परिवार आज भी रुके हुए हैं। प्रशासन इन लोगों को यहां से निकालने के लिए पिछले कई दिनों से प्रयास कर रहा है। उसके बाद भी लोग मूल गांव छोडऩे को राजी नहीं हो रहे हैं। वहीं गुजरात स्थित सरदार सरोवर बांध के गेट नहीं खुलने और बिना पुनर्वास आ रही डूब के विरोध में गांवों में आंदोलन चल रहा है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेतृत्वकर्ता मेधा पाटकर का कहना है कि सरदार सरोवर बांध में 133 मीटर की ऊंचाई तक पानी भरने के बाद डूब प्रभावित क्षेत्र की स्थिति खराब होती जा रही है। इसके बावजूद पुनर्वास पर ध्यान न देकर बांध में और पानी भरा जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि मध्यप्रदेश की नई सरकार ने बातचीत तो शुरू की है, लेकिन पुनर्वास का काम पूरा नहीं हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों के लोग चाहते हैं कि उनका विस्थापन कर लाभ दिया जाए, लेकिन प्रशासन मनमर्जी से काम कर रहा है। 32 हजार परिवारों में से 16 हजार को डूब प्रभावितों की सूची से बाहर कर दिया गया है, जबकि हकीकत में ये आज भी डूब प्रभावित क्षेत्र में हैं। पाटकर समेत डूब प्रभावितों ने शनिवार को पीएम नरेन्द्र मोदी को खुला खत लिखकर व्यवस्था बताई। पाटकर ने कहा, इस साल 139 मीटर तक बांध में पानी नहीं भरना चाहिए। गुजरात में वैसे भी इस साल अधिक बारिश होने के कारण पानी ही पानी है। बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने से मध्यप्रदेश को भी कोई लाभ नहीं हुआ है।
ऊपरी क्षेत्र में लगातार बारिश से ताप्ती नदी में पानी बढ़ गया। बुरहानपुर में रात करीब एक बजे अचानक राजघाट पर पानी बढऩे से लाल देवल मंदिर सहित अन्य छोटे मंदिर डूब गए। ताप्ती नदी का छोटा पुल भी डूब गया। घाट पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। बताया जा रहा है कि बैतूल और उसके आसपास बांधों में पानी छोडऩे से बानी बढ़ा है। उद्गम स्थल मुलताई में भी अच्छी बारिश से सरोवर भर गया।
बांधों से पानी छोडऩे के बाद नर्मदा उफान पर है। जिसे देखते हुए नर्मदा किनारे स्थित पुनासा और हरसूद ब्लॉक के 24 ग्रामों को हाई अलर्ट पर रखा है। जहां सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। इंदिरा सागर बांध के गेट खोलने की स्थिति सात वर्षों बाद बनी है। पिछले वर्षों में सामान्य बारिश होने से बांध पूरा नहीं भर पाया। इस वर्ष भारी बारिश होने से इंदिरा सागर बांध लबालब हो गया। बांध का अधिकतम जल स्तर की क्षमता 262.13 निर्धारित है। गौरतलब है इस सीजन से पहले 3 सितंबर 2012 को बांध के सभी 20 गेट खोले गए थे।
गेट खुलने पर ऐसे आता है पानी समय दूरी
बरगी डैम से नर्मदा नदी होशंगाबाद 36-40 घंटे 302 किमी
तवा डैम से नर्मदा नदी होशंगाबाद 6-8 घंटे 40 किमी
नर्मदा होशंगाबाद से इंदिरासागर बांध 12-14 घंटे 170 किमी
इंदिरासागर बांध से ओंकारेश्वर बांध 5-8 घंटे 50 किमी
ओंकारेश्वर बांध से नर्मदा मंडलेश्वर 6-8 घंटे 45 किमी
मंडलेश्वर से सरदार सरोवर परियोजना 12-15 घंटे 224 किमी