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कटनी

डेढ़ लाख सालाना के एप का डेवलपर ने मांगा 14 लाख तो प्रशासन ने कहा बनवाएंगे सरकारी एप

शासकीय कर्मचारियों की कार्य की निगरानी के लिए प्रदेश में पहली बार कटनी में लागू हुआ था लोकसेवक एप।
फरवरी 2017 में एप लागू होने के बाद कई कर्मचारी संगठनों ने इसे बंद करवाने न्यायालय तक की ली थी शरण, उच्च न्यायालय ने की थी एप की तारीफ।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही संगठनों ने मंत्री व नेताओं से की थी लोकसेवक एप बंद करवाने की मांग।
 

कटनीJun 18, 2019 / 12:33 pm

raghavendra chaturvedi

The app's developer asks 14 million

डेढ़ लाख सालाना के एप का डेवलपर ने मांगा 14 लाख तो प्रशासन ने कहा बनवाएंगे सरकारी एप

कटनी. शासकीय कर्मचारी ड्यूटी टाइम पर कार्यस्थल पर हैं या नहीं इसकी बेहतर मॉनीटरिंग के कटनी में फरवरी 2017 से लागू लोकसेवक एप अब बंद हो गया है। जिला प्रशासन के अधिकारी बता रहे हैं कि एप डेवलपर कंपनी बे्रनवेयर साफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कटनी जिले में इस एप को एक लाख 44 हजार रुपये सलाना में दिया गया था। अब कंपनी द्वारा जीइएम में रजिस्ट्रेशन करवाया गया है कि उस आधार पर राशि की मांग की जा रही है जो कि सलाना 14 लाख रुपये पड़ेगा। नई दर पर सरकार को होने वाले आर्थिक नुकसान को देखते हुए मैप-आइटी से पूर्णत: शासकीय एप बनवाने की तैयारी चल रही है। अब लोकसेवक एप के स्थान पर मैप आईटी भोपाल द्वारा निर्मित किये जा रहे शासकीय एप के माध्यम से लोकसेवकों की उपस्थिति एवं गतिविधियों की मॉनीटरिंग की जायेगी।

 

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जिलेभर में अलग-अलग संस्थाओं में कार्यरत दस हजार कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर हैं या नहीं इसकी जानकारी एप के माध्यम से सीधे कलेक्टर को होती थी। लोकसेवक एप को बंद करवाने के लिए काम के प्रति लापरवाह कर्मचारियों ने प्रभारी मंत्री से लेकर दूसरे नेताओं से भी एप को बंद करवाने की मांग की थी।
लोकसेवक एप बंद होने के बाद ईमानदार कर्मचारी गुस्से में हैं। इन कर्मचारियों की मांग है कि एप से मॉनीटरिंग होनी चाहिए, सरकारी एप का निर्माण जरुरी है तो जल्दी करवाया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि एप से मॉनीटरिंग के बाद कार्यस्थल पर काम का सकारात्मक माहौल बनता है।

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लोकसेवक एप को लेकर कलेक्टर एसबी सिंह ने बताया कि एप की सफलता, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा की गई सराहना एवं विभागों की निर्भरता के बाद ई-मार्केटप्लेस में दस गुना ज्यादा कीमत पर रजिस्टर कर उसी दर पर लेने की बात कही जा रही थी। शासन के वित्तीय हित को ध्यान में रखते हुये एप का संचालन नहीं किया जायेगा। व्यवस्था यथावत रखने हेतु मैपआईटी भोपाल द्वारा एक पूर्णत: शासकीय एप के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। इस बीच ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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