रेत के अवैध खनन मामलों में कार्रवाई को लेकर क्यों सवालों में है कलेक्टर के निर्देश पर गठित टीम
जिलेभर में अलग-अलग संस्थाओं में कार्यरत दस हजार कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर हैं या नहीं इसकी जानकारी एप के माध्यम से सीधे कलेक्टर को होती थी। लोकसेवक एप को बंद करवाने के लिए काम के प्रति लापरवाह कर्मचारियों ने प्रभारी मंत्री से लेकर दूसरे नेताओं से भी एप को बंद करवाने की मांग की थी।
लोकसेवक एप बंद होने के बाद ईमानदार कर्मचारी गुस्से में हैं। इन कर्मचारियों की मांग है कि एप से मॉनीटरिंग होनी चाहिए, सरकारी एप का निर्माण जरुरी है तो जल्दी करवाया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि एप से मॉनीटरिंग के बाद कार्यस्थल पर काम का सकारात्मक माहौल बनता है।
लोकसेवक एप को लेकर कलेक्टर एसबी सिंह ने बताया कि एप की सफलता, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा की गई सराहना एवं विभागों की निर्भरता के बाद ई-मार्केटप्लेस में दस गुना ज्यादा कीमत पर रजिस्टर कर उसी दर पर लेने की बात कही जा रही थी। शासन के वित्तीय हित को ध्यान में रखते हुये एप का संचालन नहीं किया जायेगा। व्यवस्था यथावत रखने हेतु मैपआईटी भोपाल द्वारा एक पूर्णत: शासकीय एप के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। इस बीच ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।