कटनी जिले में पहले चरण में 30 गौशाला का निर्माण होना है। इसमें 9 गौशाला के लिए स्थान चयन तक की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। जिन गांव में स्थान का चयन हो गया है वहां निर्माण के लिए अब पैसे की कमीं है। एक गौशाला निर्माण में लगभग तीस लाख रुपये की लागत बताई जा रही है। इस राशि का इंतजाम मनरेगा योजना से किए जाने की तैयारी है। इसमें बजट स्वीकृत नहीं होने के कारण गौशाला का निर्माण का कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है।
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गौशाला निर्माण के लिए जगह चयन में राजस्व विभाग द्वारा उदासीन रवैया अपनाई जा रही है। योजना को देख रहे अधिकारी कह रहे हैं कि कलेक्टर के निर्देश के बाद भी राजस्व का अमला जगह चयन में तेजी नहीं दिखा रहा है। बजट स्वीकृत कराने में जिला पंचायत द्वारा उदासीन रवैया अपनाई जा रही है।
गौशाला निर्माण योजना में आठ से दस ग्राम पंचायतों के बीच एक कलस्टर गांव चिन्हित कर वहां निर्माण की तैयारी चल रही है। इसमें हाइवे और दूसरे राज्य स्तरीय सड़क किनारे के गांव को प्राथमिकता दिया जाना है। पहले 50 से ज्यादा गौशाला का निर्माण का प्रस्ताव था, जिसे घटाकर अब तीस कर दिया गया है। पंचायत व गौसेवा से जुड़ी संस्थाओं को गौशाला संचालन की जिम्मेंदारी सौंपी जाएगी।
कटनी में जनवरी माह के पहले सप्ताह में सरकार ने गौशाला निर्माण के लिए जरुरी तैयारी के निर्देश दिए थे। निर्देश के लगभग 20 दिन बाद पशुपालन विभाग जागा और जिला पंचायत के माध्यम से पंचायतों को पत्र लिखा गया। 29 जनवरी को जारी पत्र के लगभग एक माह बाद भी विभाग को पूरी जानकारी नहीं मिली। 26 फरवरी तक प्रक्रिया में तेजी नहीं आई। पांच माह बाद जिलेभर के तीस गांव में बनने वाले गौशाला में नौ गांव में अब तक जगह का चयन नहीं हो सका।
इस बारे में पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के उपसंचालक आरपीएस गहरवार बताते हैं कि सड़क किनारे गौशाला निर्माण होने से सड़क दुघर्टना में घायल होने वाले मवेशियों को त्वरित राहत दिलाई जा सकेगी। निर्माण के लिए तैयारी चल रही है। जगह चयन से लेकर अन्य तैयारियों के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं।