इस मामले में 5 सितंबर को सुरेश कोटवानी को नोटिस जारी हुआ है। माधवनगर में बीते ढाई साल के दौरान नजूल और पुनर्वास की जमीन पर हुए अतिक्रमण के आंकड़ों पर नजर डालें तो 451 मामले राजस्व विभाग में दर्ज है। माधवनगर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का गढ़ बन रहा है। यहां अतिक्रमण के आंकड़ों पर नजर डालें तो 196 मामले में 2017 में सामने आए।
2018 में ऐसे मामले 178 दर्ज हुआ। इस साल अप्रैल से अब तक 77 मामले सामने आ चुके हैं। माधवनगर व शहर के अन्य स्थानों पर अतिक्रमण के बाद नजूल कार्यालय से नोटिस जारी होने के बाद संबंधित कार्यालय के चक्कर लगाते हैं। लोग आते हैं और बाबू जयप्रकाश पांडेय से चर्चा करते हैं। कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित इस कार्यालय को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
इस पूरे मामले पर तहसीलदार मुनव्वर खान का कहना है कि माधवनगर और शहर के दूसरे स्थानों पर अतिक्रमण के जो भी मामले दर्ज हैं, उनकी जांच कार्रवाई जा रही है। पुराने मामलों में भी रेवन्यू केस मैनेजमेंट से निकालकर फॉलोअप लिया जा रहा है। ऐसे मामलों में जल्द ही ठोस कार्रवाई होगी।