कटनी में दो साल से चल रहे लोकसेवक एप को दो माह पहले जिला प्रशासन ने यह कहकर बंद किया था कि डेवलपर को दी जाने वाली शुल्क ज्यादा पड़ रहा है, और सरकारी एप डेवलप करने के लिए कटनी कलेक्टर ने मैप आइटी को पत्र लिखा था। कर्मचारियों की डिजिटल मॉनीटरिंग के लिए कटनी में फरवरी 2017 में लोकसेवक एप लागू किया गया था। निजी एप डेवलपर कंपनी बे्रनवेयर साफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कटनी जिले में इस एप को एक लाख 44 हजार रुपये सलाना के शुल्क में दिया गया था।
बाद में कंपनी द्वारा जीइएम में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद शुल्क बढ़ाने की बात कही गई। जो कि सलाना 14 लाख रुपये पड़ता। कटनी में जून माह में एप को बंद कर कलेक्टर एसबी सिंह सरकारी विभाग मैपआइटी से एप बनवाने की बात कही थी। यहां 2017 में एप लागू होने पर विरोध में कर्मचारी न्यायालय तक की शरण लिए थे, लेकिन राहत नहीं मिली थी। मैप आइटी के सीइओ के अनुसार सरकारी एप ‘सार्थक’ को विभागों की जरुरतों के अनुसार तैयार किया गया है। इसमें कई नई सुविधाएं होगी।
उदाहरण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग अगर पूरे जिले में पोषण पर अभियान चला रही है तो कलेक्टर एक साथ पता कर सकेंगे कि किस आंगनबाड़ी में कार्यक्रम में चल रहा है और कहां नहीं। ऐसी अन्य सुविधाएं भी जोड़ी जा रही है।
मैप आइटी भोपाल के सीइओ फ्रेंक नोबेल ने बताया कि कर्मचारियों की डिजिटल हाजिरी से लेकर इंजीनियरों व पटवारी सहित फील्ड में रहने वाले अन्य कर्मचारियों की मॉनीटरिंग के लिए ‘सार्थक’ नाम से एप तैयार हो गया है। प्रदेश के सभी कलेक्टरों को इस बारे में जानकारी दी जा रही है। सिंगरौली में प्रयोग सफल रहा है, जल्द ही खंडवा व कटनी में चालू किया जा सकता है।