हर घर तक पहुंचे नल डांग क्षेत्र सहित जिले में शहर से लेकर गांवों तक घरों में नल से जल पहुंचाने की योजना में तेजी लाई जाएगी। सरकार स्तर पर प्रयास कर गर्मियों में पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता के लिए वैकल्पिक जल स्त्रोत विकसित करने व नई योजनाएं तैयार कराने के प्रयास किए जाएंगे। अन्य बिन्दुओं पर भी प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा।
डांग में हो पर्यटन विकास वर्तमान में पर्यटन की दिशा मेट्रोसिटी की बजाय जंगलों की ओर है। करौली में डांग क्षेत्र व चम्बल नदी होने से फोरेस्ट टूरिज्म विकसित होने की प्रचुर संभावना हैं। प्राकृतिक छटा के बीच देश की कम्पनियों के सीएसआर फंड की मदद से डांग में चहुंमुखी विकास के कार्य किए जा सकते हैं। इससे डांग देहात में सुविधाओं की पहुंच के साथ व्यक्ति आत्मनिर्भर भी बनेगा।
पारदर्शिता से हों विकास डांग क्षेत्र के गांवों में पेयजल और रोजगार सबसे बड़ी समस्या बना है। सरकार से समय-समय विकास योजनाएं आती हैं, लेकिन मंशा के अनुरूप लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है। इसके लिए विकास कार्यों में पारदर्शिता के साथ मानकों के अनुरूप पूर्णता देने की जरुरत है। चाहे पेयजल योजना हो या फिर सड़क विकास के कार्य, स्वीकृति से पहले लाभांवित दर का लक्ष्य भी तय होना चाहिए।
हर गांव को मिले चम्बल का जल मांड क्षेत्र के नादौती इलाके में पानी के संकट का समाधान नहीं हुआ है। नादौती-सवाईमाधोपुर चम्बल प्रोजेक्ट पर जितना कार्य होना चाहिए था, हुआ नहीं। परियोजना क्षेत्र के गांवों में अभी भी पेयजल संकट से निजात नहीं मिली है। परियोजना को विस्तृत कर क्षेत्र के हर घर में चम्बल का जल पहुंचाना चाहिए। जिससे जिले को जलसंकट की समस्या से उबारा जा सके।
सुगम हों सड़कप्रमुख मार्गों को छोड़कर कमोबेश जिले में सड़कों की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। गांवों में तो उधड़ी सड़कों से रास्ते दुश्वार हैं। वहीं जिले के प्रमुख शहर हिण्डौन में ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं होने जरा सी बारिश में बाजार जलमग्न हो जाते हैं। इसके लिए विकास का खाका तैयार कर विकास किए जाने चाहिए। जिससे सरकारी बजट खपने के बाद मंशा के अनुरूप लाभ मिले।