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करौली

मौत के 28 घंटे बाद आए परिजन, 32 घंटे बाद हुआ पोस्टमार्टम

Family came after 28 hours of death, post mortem was done after 32 hours.Judicial Magistrate Shaila Faujdar is investigating the case. A case of suicide of a prisoner in a sub jail.-न्यायिक मजिस्ट्रेट शैला फौजदार कर रही मामले की जांच -उप कारागृह में बंदी की आत्महत्या का मामला

करौलीOct 17, 2019 / 10:58 pm

Anil dattatrey

-उप कारागृह में बंदी की आत्महत्या का मामला

मौत के 28 घंटे बाद आए परिजन, 32 घंटे बाद हुआ पोस्टमार्टम

हिण्डौनसिटी. यहां के उप कारागृह में विचाराधीन बंदी द्वारा फांसी लगा कर आत्महत्या कर लेने के 28 घंटे बाद परिजन हिण्डौन आए। ऐसे में मौत के 32 घंटे बाद मृतक गढ़मोरा थाना क्षेत्र के गढख़ेड़ा गांव निवासी कल्ला उर्फ महेन्द्र (23) पुत्र विजय सिंह जोगी के शव का पोस्टमार्टम हो सका। शाम करीब साढ़े चार बजे शव को परिवारजनों के सुपुर्द कर दिया गया। मामले में न्यायिक मजिस्टे्रट शैला फौजदार ने जांच शुरू कर दी है।

कोतवाली थानाप्रभारी परभाती लाल ने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे मृतक बंदी कल्ला उर्फ महेन्द्र जोगी के परिजन चिकित्सालय पहुंचे। जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट शैला फौजदार के आदेश पर पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की टीम गठित की गई।
कानूनी प्रक्रिया के बाद अपराह्न करीब तीन से सवा चार बजे तक न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी व वीडियोग्राफी के बीच मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉ. रामनरेश कुंभकार, डॉ. आशीष शर्मा, डॉ. जेपी मीणा, डॉ. रामेश्वर शर्मा व डॉ. उमेश गुप्ता ने शव का पोस्टमार्टम किया गया। चिकित्सकों की टीम ने बिसरा नमूने संकलित किए। जिनकी एफएसएल से जांच कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि उप कारागृह में करीब डेढ़ माह से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे बंदी कल्ला उर्फ महेन्द्र जोगी ने बुधवार सुबह करीब आठ बजे फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी।


परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप, निष्पक्ष जांच व मुआवजे की मांग-
मृतक कल्ला उर्फ महेन्द्र के पिता विजयराम, बड़े भाई वीरेन्द्र, छोटे भाई राजेन्द्र, चाचा फतेहसिंह, नाना राधेश्याम समेत अन्य रिश्तेदारों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट शैला फौजदार के समक्ष बिलखते हुए न्याय की गुहार लगाई। परिजनों का आरोप है कि डेढ़ माह से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा कल्ला उर्फ महेन्द्र जोगी जेल कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों से परेशान था।
आरोप है कि जेल प्रशासन द्वारा उसे श्रीमहावीरजी न्यायालय में तारीख पेशी पर भी नहीं भेजा जाता। परिजनों ने हत्या करने के बाद शव को लटका कर आत्महत्या का रूप देने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने व मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की।
इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट शैला फौजदार ने परिजनों को बताया कि मामले में पारदर्शिता से निष्पक्ष जांच की जाएगी। मृतक के साथी बंदी, जेल स्टॉफ, कोतवाली पुलिस, जेल चिकित्साधिकारी के अलावा मृतक के परिजनों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
मामले में परिजनों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक व उपाधीक्षक के नाम निष्पक्ष जांच करने का प्रार्थना-पत्र सौपा हैं। इधर पीडि़त पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि अभी मामले की न्यायिक जांच चल रही है। बंदियों और परिजनों के बयान के बाद की आगामी कार्रवाई की दिशा तय होगी।
आरोप बेबुनियाद-
मृतक बंदी के परिजनों द्वारा जेल प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है। हां, यह बात सही है कि स्टॉफ की कमी के चलते एकाध बार बंदी कल्ला उर्फ महेन्द्र जोगी को श्रीमहावीरजी न्यायालय में पेशी पर नहीं ले जाया गया।
-किशन चंद मीणा, उप कारापाल, उपकारागृह हिण्डौनसिटी।

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