इसके चलते मची अफरा-तफरी
एक दिन पहले मंच टूटने और पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष राम आसरे कुशवाहा के गिरने के बावजूद सपाइयों में फोटो खिंचाने और चेहरा दिखाने की होड़ कम नहीं हुई। सोमवार को गुरु गोविंद सिंह चौक गुमटी नंबर पांच से निकली समाजवादी व्यापार संदेश पदयात्रा का शुभारम्भ करने पूर्व मंत्री व एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया आए थे। पदयात्रा शुरू होने से पहले ही सपाइयों के बीच फोटो खिंचाने और अपना चेहरा दिखाने की होड़ और आपाधापी शुरू हो गई। मंच पर कार्यकर्ता जबरन चढ़ गए, जिसके चलते उसमें भी दरार आ गए। ये देख पूर्व मंत्री व विधायक अमिताभ बाजपेयी व इरफान सोलंकी नीचे उतर आए और किनारे खड़े हो गए।
फोटो बन रही बाधा
स्माजवादी पार्टी के अंदर फोटो खिचवाने की इनदिनों होड़ लगी हैं। ऐसे ही नजारा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में कईबार देखनें को मिला है। पूर्व नगर अध्यक्ष फजल महमूद के घर पर आए अखिलेश यादव के साथ फोटों खिचवाने को लेकर सपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे। यहां तक उन्होंने मीडियकर्मियों के साथ भी अभद्रता की थी। जिससे नाराज होकर अखिलेश यादव बिना पीसी किए कानपुर देहात के लिए निकल गए। सपा के अंदर चेहरा दिखाने के लिए ये बहुत पुरानी परम्परा है और अब पार्टी के लिए मुसीबत बन रही है।
जल्दबाजी में फोड़ा नारियल
स्पा कार्यकर्ताओं के हंगामे के बीच सपा नगर अध्यक्ष मुईन खान ने नारियल फोड़कर पदयात्रा की शुरुआत की। इसके बाद सभी सपाई यात्रा के साथ चल दी। सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता की अगुवाई में समाजवादी व्यापारी संदेश पदयात्रा संत नगर, मरियमपुर चौराहा होते हुए विजय नगर तक निकाली गई। इस दौरान सपा सरकार में हुए कार्यो को जनता को बताया गया। साथ ही कहा कि नोटबंदी, जीएसटी, एफडीआइ और मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण छोटे व्यापारी, दुकानदार, उद्यमी और कारोबारी बर्बाद हो गए।
कई पदाधिकारी हुए थे घायल
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी केंद्र और राज्य सरकार के विरुद्ध जन जागरूकता अभियान चला रही है। इसी कड़ी में विधानसभा क्षेत्रवार पदयात्रा निकाली जा रही है। इसका समापन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में रविवार को सभा करके किया गया। छावनी विधानसभा क्षेत्र की यात्रा के समापन पर फेथफुलगंज में तिराहा मस्जिद के पास सभा आयोजित की गई है। यात्रा के प्रभारी और पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा को माला पहने और फोटो खिंचवाने के लिए मंच पर पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ता चढ़ गए। वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उतरने के लिए कहा भी लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने। अधिक भार के कारण मंच टूट गया। जिससे अफरातफरी मच गयी। हालांकि किसी को गंभीर चोट नहीं आयी है।