महाना का नाम आगे चल रहा
भरतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद दल के अंदर घमासान छिड़ चुका है। सांसद अंजूबाला दूसरे दलों के नेताओं से संपर्क बनाने शुरू कर दिए हैं तो वहीं कानपुर नगर के सांसद डाॅक्टर मुरली मनोहर जोशी भी चुनाव लड़ने पर अड़ गए हैं। इसी वजह से देरशात घोषित किए गए नामों में से इस सीट का नाम नहीं था। दावेदारों में से कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी, प्रदेश मंत्री सलिल विश्नोई, श्यामबिहारी मिश्रा, हमुनान मिश्रा के अलावा अन्य नेता दिल्ली में डटे हुए हैं। वहीं भाजपा के वरिष्ट नेता डाॅक्टर जोशी को चुनाव में नहीं उतरने के लिए मनाने में लगे हैं। सूत्रों की मानें तो डाॅक्टर जोशी ने साफ कह दिया है कि वो हर हाल में 2019 के दंगल में उतरेंगे।
अपने करीबी को दिला सकते हैं टिकट
सूत्रों की मानें तो डाॅक्टर जोशी से मिलने के लिए जहां पार्ठी के बड़े नेता उनके आवास जा रहे हैं तो वहीं कानपुर के पदाधिकारी व दावेदार भी एक्टिव हो गए हैं। सूत्र बताते हैं कि डाॅक्टर जोशी पर ज्यादा दबाव बना तो वो अपने करीबी नेता को टिकट दिए जाने की मांग कर सकते हैं। ऐसे में मंत्री सतीश महाना का नाम कट सकता है। डाॅक्टर जोशी के करीबियों में नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी, मंत्री सत्यदेव पचैरी और सलिल विश्नोई को बताया जाता है। डाॅक्टर जोशी के प्रतिनिधि ललित कुमार ने बताया कि पार्टी वर्तमान सांसद को टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारेगी। वो पिछले कई माह से चुनाव की तैयारी में जुटे थे।
सबसे ज्यादा वोटों से जीते थे डाॅक्टर जोशी
2014 के चुनाव में कानपुर लोकसभा सीट से डाॅक्टर मुरली मनोहर जोशी ने तीन बार से सांसद रहे व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को 2 लाख 23 हजार मतों के भारी अंतर से शिकस्त देकर 15 साल बाद शहर में फिर से भाजपा का परचम फहराया था। कानपुर में जितने भी चुनाव हुए उनमें से सबसे ज्यादा वोटों से जोशी जीते थे। डाॅक्टर जोशी को 4,74,712 वोट मिले। श्रीप्रकाश 2,51,766 वोट ही पा सके। इसी के चलते वो दूसरी बार कानपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। पीएम नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान पहली बार उनकी प्रसंसा की थी। पार्टी भी मान रही है कि यदि डाॅक्टर जोशी का टिकट जबरन काटा गया तो खुलकर विरोध कर सकते हैं, जिससे भाजपा को नुकसान हो सकता है। पार्टी अब उनसे वर्ता कर बीच का रास्ता निकालनें में जुटी है।
सबसे ज्यादा ब्राम्हण मतदाता
महानगर में इस समय सामान्य जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख 20 हजार है। इसमें से ब्राह्मणों की संख्या करीब तीन लाख है। क्षत्रिय करीब एक लाख, वैश्य 90 हजार से ज्यादा, कायस्थ 39 हजार से ज्यादा हैं। दूसरे नंबर के मतदाताओं में अनुसूचित जातियां आती हैं, जिनकी संख्या करीब 3 लाख 80 हजार है। तीसरे स्थान पर पिछड़ी जातियां हैं। 2 लाख 90 हजार हैं। जबकि अल्पसंख्यकों की संख्या 4 लाख के आसपास है। ऐसे में भाजपा के नेता मान रहे हैं कि डाॅक्टर जोशी की नाराजकी पार्टी को भारी पड़ सकती है। क्योंकि इस सीट पर ब्राम्हण वोटर्स हार-जीत तय करते हैं। निकाय चुनाव में कांग्रेस की बंदना मिश्रा ने भाजपा के बेसवोट बैंक में सेंधमारी की थी।