आपको बता दें कि मंडी में गेहूं की दर 1800 रुपये पार करते ही सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक कम हो गई है। जिले में इस बार 57500 मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है, इसके लिए 71 क्रय केंद्र खोले गए हैं। 24 मई तक 22629.48 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई, जो लक्ष्य का सिर्फ 39.36 फीसदी है। मंडी में किसानों का गेहूं 1800 से 1810 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आढ़तिया नकद खरीद रहे हैं। ऐसे में नकद दाम तत्काल मिलने व सरकारी खरीद में मानकों का पेंच होने के कारण किसान सरकारी क्रय केंद्र पर जाने से कतरा रहे हैं। जिले में 24 मई तक खरीद की समीक्षा में खराब प्रगति पर आयुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कड़ी नाराजगी जताई है। डीएम को निर्देशित किया है कि जिला गेहूं खरीद अधिकारी को चेतावनी जारी करते हुए क्रय एजेंसियों के विरुद्ध भी प्रभावी कार्रवाई करें ताकि 15 जून तक खरीद की समय सीमा तक लक्ष्य पूरा किया जा सके।
गेहूं खरीद में अधिकारियों की हीलाहवाली पर कमिश्नर ने सख्त रुख अख्तियार किया है। राजस्व प्रशासन की टीमें लगाकर लगातार निरीक्षण कराने के निर्देश डीएम को दिए हैं। कमिश्नर ने निर्धारित समय पर गेहूं खरीद लक्ष्य पूरा न होने पर उत्तरदायी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर तौल में तेजी लाने तथा किसानों की समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां गति सुस्त है, वहां केंद्र प्रभारियों से स्पष्टीकरण मांगने के साथ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।