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कांकेर

शौचालय निर्माण की खुली पोल, दो साल बाद भी हितग्राहियों को नहीं मिला अनुदान

ओडीएफ गांव घोषित होने के बाद भी कुछ हितग्राहियों को न तो अनुदान राशि मिली न ही मजदूरी दिया गया।

कांकेरJan 19, 2019 / 04:12 pm

Deepak Sahu

cg news

शौचालय निर्माण की खुली पोल, दो साल बाद भी हितग्राहियों को नहीं मिला अनुदान

कांकेर. ग्राम पंचायत कुम्हानखार में शौचालय निर्माण में बड़ी खामी सामने आ रही है। ओडीएफ गांव घोषित होने के बाद भी कुछ हितग्राहियों को न तो अनुदान राशि मिली न ही मजदूरी दिया गया। गांव के कुछ लोगों का शौचालय आज भी अधूरा पड़ा है। शौचालय निर्माण के नाम पर ग्राम पंचायत में लापरवाही उजागर हो रही है।
स्वच्छता को लेेकर ग्राम पंचायतों में एसबीएम और मनरेगा मद से १२-१२ हजार रुपए में प्रति हितग्राही के लिए शौचालय निर्माण किया गया है। पत्रिका टीम ने गुरुवार को दो साल पहले ओडीएफ घोषित हो चुके ग्राम पंचायत कुम्हानखार का पड़ताल किया तो सभी दावों की पोल खुल गई। ग्राम पंचायत को लाखों का भुगतान होने के बाद भी शौचालय निर्माण कराने वाले कुछ हितग्राहियों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है।
ग्रामीणों ने कहा कि बार-बार सरपंच और सचिव से गुहार करने के बाद भी किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है। जबकि शौचालय निर्माण के दौरान सरपंच और सचिव ने आश्वासन दिया था कि निर्माण कार्य पूरा होते ही १२-१२ हजार रुपए का भुगतान कर दिया जाएगा। शौचालय निर्माण के दौरान कुछ सामान को तो दिया गया लेकिन मजदूरी के साथ शेष राशि दो साल बाद भी नहीं दिया गया। गांव में आज भी अधिकांश शौचालय नहीं बने हैं और गांव ओडीएफ है।
अनुदान राशि के लिए भटक रहे हैं हितग्राही:- ग्रामीण रामदेव पटेल ने बताया कि मैं खुद अपने पैसे से शौचालय का निर्माण कराया। सचिव ने एसबीएम योजना में मेरा नाम जोडऩे कहा था। बताया था कि १२ हजार की राशि मिलेगी। आज तक एक रुपए नहीं दिया। हलालुराम यादव, सुधीर कुमार शोरी, प्रभुराम शोरी, रज्जुलाल शोरी, छेदीराम सलाम, सालिकराम पोया, सुकलाल नेताम ने कहा कि शौचालय निर्माण के लिए हमें सिर्फ ८०० नग ईंट, दो बोरी सीमेंट, एक नग पाइप, नग सीट और दरवाजा दिया गया था। काम पूरा होने पर दो हजार रुपए मजदूरी मिलनी थी जो आज तक नहीं मिली।
ग्राम पंचायत में ४९३ शौचालयों का निर्माण
कुम्हानखार ग्राम पंचायत में ५१ लाख मनरेगा मद के बजट से ४२५ शौचालय और ८ लाख १६ हजार के बजट से ६८ शौचालय का निर्माण एसबीएम मद से कराया गया है। ग्रामीणों के फरियाद के बाद भी ६७ लोगों को मजदूरी की राशि नहीं मिली है। ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार फरियाद के बाद भी अनुदान राशि को नहीं दिया जा रहा है।
गांव में ६७ लोगों की मजदूरी रड्डाशि बाकी
पुनित राम नाग ने बताया कि मेरे घर में शौचालय निर्माण का काम एक वर्ष से अधूरा है। राधिका यादव ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए उसे ८०० नग ईंट, तीन बोरी सीमेंंट, पाइप, सीट मिली थी। शौचालय का निर्माण पूरा होने के बाद भी मजदूरी नहीं मिली। छन्नुराम मंडावी ने बताया कि एक वर्ष से शौचालय के लिए गड्ढा खोदा है। आज तक न तो सामान दिया गया न तो कोई शौचालय बनवाने के लिए आया, मजदूरी नहीं मिली और हमें शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में ६७ लोगों को मजदूरी नहीं मिली है। ललिता पटेल ने बताया कि गांव में सबसे घटिया शौचालय बने हैं।

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