पुलिस आयुक्त आलोक वशिष्ठ के अनुसार इस्लामपुर (प.बंगाल में) हाल काली टंकी निवासी तौसिफ (७) पुत्र समीर का गत २९ सितम्बर की दोपहर ऑटो रिक्शा में अपहरण कर लिया था। दूसरे दिन अपहरणकर्ताओं ने जयपुर से समीर को फोन कर आठ लाख रुपए की फिरौती मांगी। इसका पता लगने पर पुलिस हरकत में आई और मोबाइल से उस व्यक्ति से लगातार सम्पर्क में रही। उससे मिले सुरागों के आधार पर रहीम व मास्टर माइण्ड मुजाहिद उर्फ राहुल को दिल्ली और बीजेएस नट बस्ती से एहसान को गिरफ्तार किया गया। तीनों भी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। मुजाहिद ने खुद की पहचान छुपाने को फिरौती राशि लेने रहीम को भेजा था।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) डॉ. अमनदीपसिंह कपूर ने बताया कि फिरौती मांगने वाले ने जयपुर से पीसीओ से बालक के पिता को कॉल किया। इसके बाद वह किसी अनजान व्यक्ति के नाम जारी सिम से बात करने लगा। इस नम्बर के आधार पर उदयमंदिर थानाधिकारी प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में दिल्ली में फिरौती राशि लेने पहुंचे रहीम को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ के बाद यमुनापार से मुजाहिद उर्फ राहुल को पकड़ा गया। इन दोनों से पूछताछ में बालक के बीजेएस नट बस्ती में छुपाकर रखे होने का पता लगने पर मंगलवार देर रात नट बस्ती में छापे मारे और एक मकान में छुपाकर रखे तौसिफ को मुक्त कराया और रहीम को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पिता बन पुलिसकर्मी करते रहे अपहरणकर्ता से बात
अपहरणकर्ताओं ने तीस सितम्बर को फिरौती की मांग की थी। बालक के पिता ने इस बात से तुरंत पुलिस को अवगत करा दिया। इसके बाद पुलिस बालक का पिता समीर के मोबाइल पर अपहरणकर्ताओं से बातचीत करती रही साथ ही मोबाइल नम्बर से उसकी लोकेशन ट्रैस करती रही। अपहरणकर्ता लगातार फोन कर दिल्ली में अलग-अलग जगह फिरौती पहुंचाने की मांग कर रहे थे।
पिता के अधीन कई श्रमिक काम करते देख रची साजिश
आरीतारी का काम करने वाला एहसान कई बार काली टंकी के पास आया था और बालक से भी मिला था। समीर के अधीन डेढ़ दर्जन श्रमिक आरीतारी का काम करते देख अहसान को लगा कि समीर के पास मोटी रकम होगी। यह बात उसने मुजाहिद को बताई और दोनों ने अपहरण की साजिश रच डाली। अपहरण के बाद बालक को जोधपुर में ही रखा। जबकि मुजाहिद दिल्ली चला गया। वहां उसने फिरौती राशि लेने को रहीम को तैयार किया था।
फिरौती लेने के बाद पांच घंटे में पकड़ा मास्टर माइण्ड
अपहरणकर्ता दिल्ली चला गया तो पुलिस भी उसके पीछे दिल्ली जा पहुंची और फिरौती की राशि देने का झांसा दे अपहरणकर्ता को बुलाया। यह राशि लेने पहुंचे रहीम को पुलिस ने मंगलवार शाम सात बजे पकड़ा। उसे साथ लेकर यमुनापुर में मास्टर माइण्ड मुजाहिद की तलाश शुरू की और पांच घंटे की मशक्कत के बाद रात दो बजे उसे गिरफ्तार कर लिया।
टीम के रूप में पूरे ऑपरेशन को दिया अंजाम
दिल्ली पुलिस की इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन टीम की मदद से अपहरणकर्ताओं को पकडऩे वाली टीमे में उदयमंदिर थानाधिकारी शर्मा के अलावा एसआइ शंकर कड़वा, हेड कांस्टेबल उमेश यादव, कालूसिंह व कांस्टेबल नरेन्द्र शामिल थे। जबकि बीजेएस नट बस्ती से बालक को मुक्त कराने व रहीम को पकडऩे में एडीसीपी अनंत कुमार, एसीपी सुधीर चौधरी, महामंदिर थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह, हेड कांस्टेबल जमशेद खान, चंचलप्रकाश, शमशेर खान, कांस्टेबल मुकेश, रशीद, महिपाल, नेमाराम, शिवदान राम व पुखराज शामिल थे। तकनीकी टीम में प्रवीण गहलोत व श्रवणराम की भूमिका रही।