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जोधपुर

अब बिना तारबंदी के भी खेत में उगाई फसलों की करें सुरक्षा

-सेवानिवृत अधिकारी ने बनाया जीरो बजट का मॉडल प्लान, कृषि विभाग से की मंजूरी की मांग
-न्यूनतम खर्चें में मिलेगी तारबंदी करवाने के झंझट से मुक्ति

जोधपुरAug 24, 2019 / 07:58 pm

Arvind Singh Rajpurohit

अब बिना तारबंदी के भी खेत में उगाई फसलों की करें सुरक्षा

जोधपुर: अपने बनाए जीरो बजट मॉडल प्लान के साथ माधोसिंह भाटी

जोधपुर. खेतों में खड़ी फसलों की सुरक्षा को लेकर किसान हमेशा चिंतित दिखाई देता है, क्योंकि फसल की सुरक्षा नहीं होने से कई बार जंगली एवं आवारा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में फसलों को इनसे बचाने के लिए सेवानिवृत अधिकारी माधोसिंह भाटी ने जीरो बजट का एक मॉडल प्लान तैयार किया है। जिससे बिना तारबंदी के ही खेत में खड़ी फसल को आवारा पशुओं, जंगली जानवरों से बचाया जा सकेगा। इस प्लान से किसान अपने खेत को न्यूनतम खर्च में सुरक्षित रख सकेगा। इतना ही नहीं यह प्लान तारबंदी के मुकाबले कई गुना ज्यादा सस्ता है। वर्तमान में प्लान को राज्य भर में लागू करने की मांग को लेकर भाटी ने सीएम सहित राज्य व केद्रीय कृषि विभाग को भी पत्र लिखा है।
कैसे काम करेगा प्लान
भाटी ने बताया कि प्लान के तहत खेत के चारों तरफ ट्रैक्टर की सहायता से तवी करके 1 फीट गहरी खाई खोदनी होगी। इसके बाद इसमें देशी बोल्डी, पाला बोल्डी, कुम्टीया आदि बीजों को उगाया जाता है। यह पौधे दो वर्ष में 6 से 7 फीट की उंचाई ले लेते हैं। उस दौरान पौधों की टहनियों को आपस में उलझा देने से जालीनुमा एवं बाडऩुमा आकार में पौधे ढल जाते हैं एवं वे एक हेज का रुप ले लेते हैं। जिसको पार कर खेत में प्रवेश कर पाना आवारा पशुओं के लिए संभव नहीं हो पाएगा।
इस प्लान का खर्च महज कुछ हजार रुपए ही है, जबकि खेत में तारबंदी के लिए ठेकेदार 10 फीट की दूरी के हिसाब से भी प्रति खम्भा 660 रुपए की दर से वसूल करता है जो कई गुना महंगा है। सामूहिक रुप से भी चक सिस्टम के हिसाब से किसान इसे लागू कर सकते हैं।
40 बीघा जमीन पर महज 800 रुपए खर्च

माधोसिंह ने बताया कि मॉडल प्लान के तहत उन्होंने अपने गांव में 40 बीघा जमीन के चारों और 1 फीट गहरी तवी निकाली। 1 गज वर्ग में 8 से 10 बीज के हिसाब से पुरी खाई में डाल दिए। वर्तमान में यह सभी बीज अंकुरित हो चुके हैं। इस कार्य में बीज के हिसाब से उनकी लागत महज 800 रुपए ही आई। जबकि तारबंदी करके सुरक्षा व्यवस्था करने में यह राशि कई हजारों में होती। इस प्लान को कई किसान अपने खेत में लागू करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।
उनका कहना है कि अन्य किसान भी इसी व्यवस्था को अपनाए तो निश्चित ही उन्हें खेत में खड़ी फसलों की सुरक्षा को लेकर चिंता खत्म होगी व आवारा पशुओं, जानवरों से फसल को खतरा भी समाप्त हो जाएगा। प्लान को लेकर हाल ही में उन्होंने कृषि विभाग के उपनिदेशक से भी विस्तार से चर्चा की है।

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