आसाराम का मूल नाम असुमल हरपलान है। पाकिस्तान के बिरानी गांव में उसका जन्म हुआ था। बंटवारे के बाद वह अपने परिवार के साथ हिंदुस्तान आ गया और यहां उसने छोटे-मोटे कार्य करने शुरू कर दिए। अपने पिता की मृत्यु के बाद उसने चाय बेचने का कार्य शुरू किया था। महज 15 साल की उम्र में वह घर से भाग गया था और एक आश्रम में रहने लग गया था। बाद में उसके परिवारवालों ने उसे समझा-बुझा कर उसकी शादी करवाई। पत्नी लक्ष्मी देवी से आसाराम के दो बच्चे हैं – नारायण साईं और भारती देवी।
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मुफ्त दवाओं का देता था प्रलोभनअसुमल से आसाराम तक के सफर की भी रोचक कहानी है। आसाराम के आध्यात्मिक गुरु लीलाशाह थे और उन्होंने ही उसका नाम आसाराम रखा था। अहमदाबाद से कुछ दूर ही उसने मुटेरा कस्बे में कुटिया बनाई और रहने लग गया। यहां वह गांव के लोगों को भजन-कीर्तन सुनाने लगा। धीरे-धीरे उसने मुफ्त दवाओं के साथ इलाज करने का प्रलोभन देना शुरू किया। भजन-कीर्तन के बाद प्रसाद को भी मुफ्त में बांटा जाने लगा। इससे उसकी ख्याति क्षेत्र के बाहर बढऩे लगी।
अपने श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध होने के बाद आसाराम ने धीरे-धीरे करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करना शुरू कर दिया। वह अपने बेटे नारायण साईं के साथ मिलकर कार्य करने लगा। जल्द ही देश और विदेशों में उन्होंने अपने 400 आश्रम स्थापित कर लिए। जानकार बताते हैं कि आसाराम की कुल संपत्ति 10 हजार करोड़ रुपए की है। उसपर आश्रम बनाने को लेकर गलत तरीकों से जमीन को हड़प करने के आरोप भी हैं।
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विवादों से आसाराम का नाताआपको बता दें कि आसाराम सामान्यत: विवादों से जुड़े रहे हैं। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ दायर याचिकाओं में आसाराम के आश्रम द्वारा अतिक्रमण, 2012 दिल्ली दुष्कर्म पर उनकी टिप्पणी एवं 2013 में नाबालिग लडक़ी का कथित यौन शोषण शामिल हैं। उन पर लगे आरोपों की आंच उनके बेटे नारायण साईं तक भी पहुंची और हाल ही में उसे दोषी करार दिया गया। न्यायालय ने आसाराम को नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म का आरोपी माना और उम्रकैद की सजा सुनाई। जिसके बाद आसाराम जोधपुर जेल की सलाखों के पीछे कैद हैं।