हरियाणा के अपराधी इस इलाके को शरणगाह मानते हैं। बुहाना उपखंड में करीब एक दर्जन से अधिक अपराधिक गिरोह बने हुए हैं। अपराधी आधुनिक वाहनों में सवार होकर अपराधिक गतिविधियों का अंजाम देते हैं, वहीं पुलिस को जर्जर वाहनों से उनका पीछा करना पडता है।
बुहाना में डीएसपी ऑफिस उधार के भवन में संचालित है। डीएसपी ऑफिस के पास खुद का भवन नहीं है। डीएसपी ऑफिस ग्राम पंचायत के दो कमरों में चलता है। फरीयादी एवं उनके साथ आने वाले लोगों के बैठने के लिए भी उचित जगह नहीं है। डीएसपी के रहने के लिए भी भवन नहीं है।
पचेरीकलां थाना की सताइस किलोमीटर की सीमा हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिला के साथ लगती है। पचेरीकलां थाना में एक एसएचओ सहित बत्तीस पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। जबकि चालीस से अधिक पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है। पचेरीकलां थाना में अडतीस राजस्व गांवों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी है। इन अड़तीस गांवों में पांच गांव सर्वाधिक अपराधिक किस्म के गांव हैं। थाना को आंवटित गाड़ी काम चलाऊ स्थिति में है। बत्तीस पुलिसकर्मियों में से दो ड्राइवर हैं। दो पुलिसकर्मी भालोठ गांव की अस्थाई पुलिस चौकी में कार्यरत रहते हैं। खटारा बाइक को अस्थाई पुलिस चौकी पर दे रखा है। संशाधनों के अभाव एवं जर्जर वाहन से सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व पूरा किया जा रहा है।
बुहाना पुलिस थाना की अठारह किलोमीटर में हरियाणा की सीमा लगती है। थाना से सीमा पर बसे अंतिम गांव की दूरी करीब तेइस किलोमीटर पड़ती है। वर्तमान में एक सीआई, दो एएसआई, चार हैडकांस्टेबल सहित कुल अठाइस महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। जबकि पुलिस थाना को ठीक प्रकार से संचालित करने के लिए कम से कम चालीस पुलिसकर्मियों की आवश्यकता है। बुहाना थाना के तहत पच्चीस राजस्व गांव एवं दस ढाणियों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी है। थाना को आंवटित वाहन खस्ताहाल है। थाने में प्रति वर्ष साढ़े तीन सौ से अधिक प्रकरण दर्ज होते हैं।