मलेरिया के डेंजर जोन बम्हनीडीह
जिले में मलेरिया के लिए पहले पामगढ़, बलौदा और बम्हनीडीह को डेंजर जोन के रूप में चिन्हांकित किया गया था। लेकिन इस दायरे में अब केवल बम्हनीडीह क्षेत्र ही डेंजर जोन चिन्हांकित किया गया है। जहां हर साल बड़ी संख्या में मलेरिया पाजिटिव के केस सामने आते है। २०१८ में तो यहां ४९७ मलेरिया पाजिटिव केस सामने आए थे। अभी इस साल ४२ सामने आ चुके है। अन्य विकासखंड में भी एक दो मलेरिया के केस सामने आ ही रहे है।
क्या है कारण
मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। गंदगी और जल जमाव से शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर पनपने लगा है। शहरों में तो कुछ हद तक पढ़े लिखे व संपन्न लोग मच्छर से बचने के लिए आवश्यक जतन कर लेते हैं लेकिन देहातों में मच्छर से बचाव के लिए परंपरागत धुंआ के अलावा कुछ और उपयोग करने की क्षमता लोगों की नहीं है, इस कारण वे जानलेवा मलेरिया के चपेट में आ जाते हैं।
मेडिकेटेड मच्छरदानी भी नहीं मिलती
सरकार द्वारा मच्छर से बचने के लिए पहले मेडिकेटैड मच्छरदानी का वितरण किया जाता है। जहां मलेरिया के डेंजर जोन वहां तक पूरे के पूरे मच्छरदानी का वितरण किया जाना है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही वितरण का काम नहीं हो पा रहा है। जिससे यह बड़ा बीमारी लगातार फैल रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. एमडी तेंदवे ने बताया कि मच्छरदानी का मांग किया गया है। ११ हजार मच्छरदानी की मांग किए है। आने के बाद डेंजर जोन बम्हनीडीह क्षेत्र में वितरण किया जाएगा।
बचाव के उपाय
– अपने घर के आसपास जलजमाव न होने दें।
– हैंडपंप के पास किसी तरह की गंदगी न रहने दें।
– सोते समय मेडिकेटेड मच्छरदानी का उपयोग करें।
– बुखार आने पर तुरंत जांच कराकर ब्लड टेस्ट कराएं।
– हर हाल में मच्छरों को घर से दूर रखने का प्रयास करें।
वर्ष मलेरिया टेस्ट पाजिटिव
२०१७ २ लाख ३९५
२०१८ २ लाख ५८५
२०१९ ५५ हजार ५४ अब तक