जिले के एक दर्जन रेलवे फाटक ऐसे हैं जिनमें बंद होने के बाद भी लोग अपनी बाइक समेत ट्रेक पार करते देखे जा सकते हैं। आधा दर्जन तो ऐसे फाटक हैं जहां से दिन भर हजारों की संख्या में लोग बंद फाटक पार आवागमन करने से गुरेज नहीं करते। मुंबई हावड़ा रूट होने के अलावा कोरबा से कोयला लोड मालगाड़ी यहां से दिन भर गुजरती है। सूत्रों के मुताबिक इस रूट से हर पांच से दस मिनट में एक मालगाड़ी पार होती है। इसके अलावा दिन भर में एक दर्जन पैसेंजर ट्रेन और इतनी ही एक्सप्रेस ट्रेन अप और डाउन दिशा के लिए पार होती है। इन ट्रेनों को पार कराने के लिए प्रत्येक फाटक को हर 10 मिनट में बंद करना पड़ता है।
क्यों होता है हादसा
फाटक बंद होने पर राहगीर अपनी बाइक या साइकिल लेकर फाटक पार करने के लिए ट्रेक तक पहुंच जाते हैं और ट्रेन दूर होने की स्थिति में ट्रेक पार करने लगते हैं। इसी बीच अगर बाइक बंद हो गई या ट्रेक पर बाइक फंस गई और सामने से ट्रेन आ जाती है तब भागने का मौका नहीं मिल पाता। इसी तरह फाटक पार करने के बाद बाद लोग ट्रेन के गुजरने का इंतजार करते हैं और ट्रेन के निकलते ही ट्रेक पार करने लगते हैं इसी बीच अगर दूसरे ट्रेक पर ट्रेन आ गई तो बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे कई हादसे देखने और सुनने के बाद भी लोगोंंंं की बंद फाटक पार करने की आदत नहीं छूट पा रही है।
कितनी ट्रेनें गुजरती हैं दिनभर
मुंबई हावड़ा रूट होने के कारण इस रूट में हर पांच मिनट में यात्री ट्रेनों के अलावा मालगाड़ी गुजरती है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक इस रूट से दिन भर में दो दर्जन पैसेंजर ट्रेन और इतनी ही एक्सप्रेस ट्रेन अप और डाउन दिशा के लिए पार होती हैं। इन ट्रेनों को पार कराने लिए हर फाटक को 10 मिनट में बंद करना पड़ता है।
कब तक जारी रहेगा खतरे का खेल
चांपा के बिर्रा फाटक और जांजगीर के खोखसा फाटक के लिए ओवरब्रिज बनाने का काम चल रहा है। खोखसा फाटक में ओवरब्रिज के लिए रेलवे ने 15 करोड़ 81 लाख स्वीकृत किए हैं। अब तक काम चल रहा है। लेकिन चार बार एक्सटेंशन के बाद भी अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका हैं। जबकि 2014 से निर्माण कार्य पूरा हो चुका हैं। अब देखना यह है कि ओवरब्रिज निर्माण कब तक होगा और खतरे का खेल कब तक जारी रहेगा।
बिर्रा ओवरब्रिज भी अधूरा
जिले में जहां खोखसा फाटक पर ओवरब्रिज का काम चार साल पहले शुरू हुआ है। वहीं बिर्रा ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पांच साल से चल रहा है। इस फाटक पर भी खतरा बना हुआ है क्योंकि बाइक चालक बंद फाटक पार करते रहते हैं। बिर्रा फाटक के बाद सड़क इतनी जर्जर हो गई हैं कि आए दिन हादसे होते रहते हैं। कई बार तो ट्रक भी पलट गया हैं। यहां पर राहगिरों के लिए हमेशा खतरा बना रहता हैं। बिर्रा फाटक के लिए 28 करोड़ स्वीकृत हुआ हैं। यह आरोबी अधूरा पड़ा है।