महबूबा ने कहा, ‘रमजान का महीना करीब है। इस पूरे महीने लोग दिन-रात इबादत करते हैं और मस्जिदों में जाते हैं। ऐसे में मैं सरकार से मांग करती हूं कि पिछले साल की ही तरह इस साल भी रमजान के महीने में घाटी में सीजफायर घोषित किया जाए। इस अवधि में घाटी में क्रैकडाउन और सर्च ऑपरेशन जैसी कोई कार्रवाई ना की जाए, जिससे कि जम्मू-कश्मीर के लोग आराम से यह पूरा महीना बिता सकें।’
आतंकियों से हमला ना करने की अपील
इसके अलावा महबूबा ने आतंकी संगठनों से भी अपील करते हुए कहा कि मैं आतंकवादियों से भी यह कहना चाहती हूं कि रमजान का महीना इबादत और दुआओं का महीना होता है, ऐसे में उनको भी इसका ख्याल करते हुए इस दौरान किसी भी तरह का आतंकी हमला नहीं होना चाहिए। बता दें कि महबूबा मुफ्ती के सीएम रहते हुए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बीते साल रमजान के महीने में सीजफायर का ऐलान किया था। जम्मू-कश्मीर में सीजफायर की घोषणा होने के बाद भी सुरक्षाबलों पर कई आतंकी हमले हुए थे। इसके अलावा कई बार आतंकियों ने स्थानीय नागरिकों को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी।
केंद्र सरकार ने पिछले साल किया था सीजफायर
बीते साल जब केंद्र सरकार ने घाटी में सीजफायर का ऐलान किया था, उस वक्त राज्य में बीजेपी और पीडीपी की गठबंधन सरकार सत्ता में थी। रमजान में सीजफायर के ऐलान को केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर में शांति बहाली की कोशिश के रूप में देखा गया था। वहीं इस बार चुनाव के बीच महबूबा मुफ्ती द्वारा की गई सीजफायर की अपील को प्रदेश में उनके द्वारा सियासी फायदे का एक स्टंट माना जा रहा है।