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जयपुर

70 फीसदी किसान तो शायद जानते ही नहीं, एमएसपी बला क्या है

राजस्थान का किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के भंवर में उलझकर चक्कर ही खाता रहा है। सरकार हर बार एमएसपी बढ़ाकर किसानों को सपने दिखाती है मगर 30 प्रतिशत से ज्यादा खरीद कभी कर ही नहीं पाती।

जयपुरOct 05, 2018 / 09:34 am

santosh

जयपुर। राजस्थान का किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के भंवर में उलझकर चक्कर ही खाता रहा है। सरकार हर बार एमएसपी बढ़ाकर किसानों को सपने दिखाती है मगर 30 प्रतिशत से ज्यादा खरीद कभी कर ही नहीं पाती।
ऐसे में 70 प्रतिशत किसान इस मूल्य से कहीं कम कीमत पर बाजार में उपज बेचकर घाटा खाने को बाध्य होते हैं। अभी भी किसान के साथ यही हो रहा है। सरकार ने रबी का एमएसपी बढ़ाकर किसानों को फिर सपना दिखाया लेकिन हालत यह है कि किसान खरीफ की फसल ही औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।
खरीफ सीजन की फसलें मंडियों में आना शुरू हो गई हैं और सरकार ने रबी की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भारी बढ़ोत्तरी का एेलान कर दिया है। किसानों को यह झांसा सरकार हर सीजन में देती है, लेकिन जब सरकारी खरीद की बारी आती है तो केवल 30 फीसदी ही खरीद एमएसपी पर हो पाती है। न सरकार के पास उत्पादन के अनुपात में गोदाम हैं और न ही सरकारी खरीद का सशक्त तंत्र। हालात ये हैं कि ज्यादातर अनाज एमएसपी से करीब 25 से 35 फीसदी नीचे दाम पर घरेलू मंडियों में बिक रही हैं। हालांकि इससे आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को तो फायदा होगा लेकिन किसानों को घाटा उठाना पड़ेगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ:
खाद्य पदार्थ संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि सरकार के पास एेसा कोई सिस्टम नहीं है कि वह व्यापारियों को एमएसपी पर खरीद करने के लिए बाध्य कर सके, क्योंकि मंडी का व्यापार विदेशी भावों पर चलता है।
हजारों टन मूंगफली स्टॉक:
सरकार ने मूंगफली पर एमएसपी तो बढ़ा दिया है लेकिन मौजूद खरीफ सीजन में ही यहां हजारों टन मूंगफली का स्टॉक पड़ा है, एेसे में भावों में और नरमी के संकेत बन रहे हैं। यही हाल दालों का है।
भाव समर्थन मूल्य से नीचे:
मंडी कारोबारियों का कहना है कि सरकार द्वारा तय किए गए भाव में तो कोई खरीदने वाला नहीं है, क्योंकि पहले से ही स्टॉक पड़ा है।इस समय राज्य की मंडियों में खरीफ की दलहनी फसल मूंग, मोठ, उड़द आदि एमएसपी से 500 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल नीचे बिक रही है। मोटे अनाजके भाव भी समर्थन मूल्य से नीचे चल रहे हैं।
कैसे किसानों को मिले उचित एमएसपी:
हाल ही में कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन ने खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ाए जाने पर कहा था कि यह बढ़ोत्तरी कम है। सरकार को खरीद और भंडारण का उचित प्रबंध करना चाहिए। उन्होंने एमएसपी आधारित फार्मूला सी-2 प्लस 50 प्रतिशत का उदाहरण देते हुए बताया कि खाद्य सुरक्षा, मिडे मील और अनुकूल खरीद नीति को प्रभावी तरीके से लागू कर उपभोग को बढ़ाया जा सकता है।

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