पहले की सुनवाई के दौरान आसाराम ने मुकदमा धीमी गति से चलने की शिकायत की थी। जिस पर जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि आसाराम के ट्रायल में इतनी देर क्यों हो रही है। आसाराम की दलील थी कि अब तक रेप का आरोप लगाने वाली महिला का बयान कोर्ट में दर्ज नहीं हुआ है।
सूरत की दो बहनों ने लगाया था आरोप
सूरत की दो बहनों से दुष्कर्म के आरोप में 15 जनवरी 2015 को गांधीनगर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। चार्जशीट में आसाराम को दुष्कर्म का आरोपी बनाया गया था। आसाराम पर गैर कानूनी तरीके से बंधक बनाने और आपराधिक साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया। इस मामले में आसाराम की पत्नी, बेटी सहित पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था।