तीन साल में कमाए दस करोड़
वन विभाग की ओर से 2016 में फुल डे हाफ डे सफारी की शुरुआत की गई थी। इसमें केवल वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर व वाइल्ड लाइफ फिल्म मेकर को ही भ्रमण पर जाने की अनुमति थी, लेकिन बाद में इसे सभी के लिए शुरू कर दिया। तीन साल में वन विभाग को भी फुल डे हाफ डे सफारी से करीब दस करोड़ की आय हुई है। इस पर्यटन सत्र में विभाग को 6.76 करोड़ की आय हुई है।
विचलित होकर बाहर आ रहे बाघ
संगठन के लोगों का कहना है कि फुल डे हाफ डे सफारी में दिन भर बाघों को पर्यटक वाहन घेरे रहते हैं। इससे वन्यजीवों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। बाघ जंगल से बाहर आ रहे हैं। पूर्व में जंगल से निकलकर टी-28 बाघ छाण के खेतों में आ गया था, जहां ट्रेंकुलाइज करते समय बाघ की मौत हो गई थी। इस संबंध में कई संगठनों ने वन मंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर इसे बंद कराने की मांग की जा चुकी है। इसके अलावा पूर्व में रणथम्भौर की स्टैण्डिंग कमेटी की पूर्व सदस्य अंजना गोसाई भी खुलेआम फुल डे हाफ डे सफारी का विरोध कर चुकी है।
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यह सही है कि फुल डे हाफ डे सफारी को लेकर कुछ मुद्दे हैं। इस संबंध में 20 जुलाई को जयपुर में बैठक होगी। बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही कुछ निर्णय किया जाएगा।
– अरिंदम तोमर, पीसीसीएफ, जयपुर