कटारिया विधानसभा में न्याय प्रशासन, आबकारी, पुलिस और कारागार की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने सदन को बताया कि एनसीपीबी की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान हत्या के मामले में 10वें, बलात्कार में चौथे, डकेती में ९वें, दहेज मृत्यु में 5वें व लूट में 5 वें स्थान पर है। नाबालिक बच्चियों से जबरदस्ती के मामलों में भी लगातार इजाफा हुआ है।
गुलाबचंद कटारिया भी अपने बच्चे को नहीं बना सकता कांटेबल -:
कटारिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने पांच साल में पहली बार कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया में बेहद पारदर्शिता बरती है। खुद गुलाबचंद कटारिया हो या फिर एसपी, वह भी पीछे के रास्ते से अपने बच्चे को कांटेबल की नौकरी नहीं दिलवा सकता है। भर्ती प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है ताकि किसी का हक नहीं मारा जाए।
प्रमोशन का सिस्टम ठीक करो -:
कटारिया ने कहा कि एक व्यक्ति परीक्षा देकर कांस्टेबल बनता है। बाद में 28 साल तक वह कांस्टेबल ही बनकर रहता है। जबकि इसके विपरीत एक डीएसपी डीआईजी तक पहुंच जाता है। यह भेदभाव दूर होना चाहिए। कांटेबल के 50 प्रतिशत पदों को सीनियरटी से तथा 50 प्रतिशत पदों को लिखित परीक्षा देकर भरा जाना चाहिए।
भाजपा सरकार ने बड़े अधिकारियों पर कसा शिकंजा -:
कटारिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपराध में लिप्त छोटे और बड़े सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की। खान प्रकरण में सचिव स्तर के वरिष्ठ आईएएस को गिरफ्तार किया। चिकित्सा विभाग में हुए घोटाले में निरज के. पवन आईएएस को पकड़ा। एेसे ही कई घोटालों में अन्य पुलिस व आईएएस स्तर के अधिकारियों कार कार्रवाई की। करीब 109 अधिकारियों कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा मुक्त किया।