मोतीडूंगरी मंदिर पर जेएलएन रोड़ से लेकर दूसरी ओर एमडी सर्किल तक बेरिकेटिंग की गई थी। इस वजह से इस ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई थी। पुलिस ने भी जेएलएन मार्ग पर मंदिर की ओर से जाने वाले रास्ते पर पुलिस चौकी बनाकर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से बंद कर दिया था।
इस मामले में एक स्थानीय दुकानदार और कुछ निवासियों की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में कहा गया कि बेरिकेड्स लगने की वजह से आवाजाही में परेशानी हो रही है और एक आम रास्ते पर स्थाई तौर पर बेरिकेड्स नहीं लगाए जा सकते हैं।
मामले पर पक्ष रखते हुए एडवोकेट विमल चौधरी ने अदालत को बताया कि बेरिकेड्स की वजह से स्थानीय लोगों की आवाजाही में परेशानी हो रही है, इसी के साथ वर्षों से विभिन्न तरह की दुकानें लगा रहे लोगों को परेशानी हो रही है।
इस पर अदालत ने नगर निगम को एक माह में बेरिकेड्स हटाने के आदेश दिए। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि इन बेरिकेडस को तोड़ा या क्षतिग्रस्त नहीं किया जाएं बल्कि इनका उपयोग किसी दूसरी जगह पर किया जाना चाहिए।
यह हो रही थी परेशानी निगम ने गणेश मंदिर में प्रवेश से पहले ही जेएलएन तिराहे से बेरिकेड्स लगाए थे। इस वजह से मंदिर में दर्शनों के आने वाले लोग जेएलएन मार्ग पर ही वाहनों को पार्क कर रहे थे। इससे बुधवार और दूसरे अवकाश के दिन जेएलएन मार्ग पर यातायात प्रभावित हो रहा था।
मंदिरों की सुरक्षा को लेकर लिया था स्वप्रेरित प्रसंज्ञान हाईकोर्ट ने 27 मार्च 2014 को गणेश मंदिर में आतंकी हमलों की आशंका के चलते सुरक्षा इंतजाम नहीं होने पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था। अदालत ने मंदिर की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने व सामने से आवाजाही बंद करने के लिए कहा था।