लोकेश शर्मा ने बुधवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2020 में जब गहलोत सरकार पर संकट के बादल छाए थे, तब एक ऑडियो टेप वायरल हुआ था। जिसके आधार पर भाजपा पर कांग्रेस विधायकों के खरीद-फरोख्त की बात कही गई थी। लेकिन वो ऑडियो टेप अशोक गहलोत ने ही मुझे दी थी। उन्हें ये रिकार्डिंग सोशल मीडिया से नहीं मिली। गहलोत ने पेन ड्राइव में ऑडियो टेप दिए थे और उन्हीं के कहने पर मैंने वो टेप मीडिया को दिए थे। अपने दावों को सच साबित करने के लिए शर्मा ने उनकी और अशोक गहलोत के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी सुनाया। लोकेश शर्मा ने कहा की जिस मोबाइल से ऑडियो भेजे गए थे उस मोबाइल को भी नष्ट करने के लिए अशोक गहलोत ने कहा था। गहलोत को शक था कि मैंने मोबाइल को नष्ट नहीं किया है, ऐसे में उन्होंने मेरे ऑफिस पर एसओजी की रेड करवाई।
लोकेश शर्मा ने कहा कि गहलोत केवल लोगों से काम लेते हैं और फिर उसका हाल भी नहीं पूछते। फोन टैपिंग के बाद जब मुझ पर एफआईआर दर्ज हुई, तब उन्होंने कहा था की सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेगे लेकिन दिल्ली पुलिस की प्रताड़ना झेल रहा हूं, अब उन्होंने मुझे अकेला छोड़ दिया। उन्होंने कहा की पेपर लीक मामले में गहलोत ने डीपी जारोली को बचाने का काम किया, वर्तमान सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए मेरे पास जो भी सबूत है मैं देने को तैयार हूं।
कई वजहों से चर्चा में रहे लोकेश शर्मा
पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा कई वजहों से सुर्ख़ियों में बने रहे। ख़ास तौर से कथित फोन टैपिंग प्रकरण पर लोकेश शर्मा का नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में रहा। फिर उसके बाद शर्मा ने गहलोत और कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ उनकी बयानबाज़ी भी काफी चर्चाओं में रही।